प्रशांत ने बताया कि उन्होंने मामले की जानकारी पुलिस कमिश्नर डीके ठाकुर को दी। उसके बाद जांच हुई। फिर गोमतीनगर कोतवाली में मुकदमा दर्ज किया गया। वहीं, प्रशांत ने बताया कि विवेक के संबंध जेल में बंद एक पूर्व मंत्री से भी हैं। वह उनका सारा काम देखता था। इंस्पेक्टर ने बताया कि प्रशांत की तहरीर पर विवेक यादव, वंदना, कुलविंदर, मनोज कुमार सिंह, तुषार नागर सेमत छह के खिलाफ धोखाधड़ी, फर्जी दस्तावेज तैयार करने समेत अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज कर मामले की विवेचना की जा रही है।
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