अंतरिम जमानत मिलने के 7 दिन बाद धोखाधड़ी के मामले में पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति गिरफ्तार हुए

लखनऊ: प्रदेश के पूर्व खनन मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति को एक बार फिर तगड़ा झटका लगा है। चार सितंबर को हाईकोर्ट से मिली दो महीने की अंतरिम बेल के सातवें दिन उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। लखनऊ पुलिस ने मंत्री के खिलाफ मामले की पैरवी करने वाले एडवोकेट ने दो दिन पहले बीते गुरुवार को ही गाजीपुर थाने में धोखाधड़ी, जालसाजी और धमकी देने की एफआईआर दर्ज करवाई थी। इसके बाद पुलिस ने न्यायालय में पेश किया, जहां आरोपी को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। फिलहाल, गायत्री का मौजूदा समय में मेडिकल कॉलेज में इलाज चल रहा था।

पुलिस कमिश्नर सुजीत पांडे के मुताबिक, आरोपी को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कोर्ट में पेश किया गया। कोर्ट ने मंत्री की 14 दिन की न्यायिक हिरासत मंजूर कर दी। गायत्री प्रसाद पर रेप का आरोप लगाने वाली महिला गायत्री की ओर से मकान और प्लॉट दिया गया था। महिला को जो प्रॉपर्टी दी गई थी, वह गायत्री प्रसाद प्रजापति के चालक ने भेजी थी। महिला, गायत्री प्रसाद से मिलने मेडिकल कॉलेज भी जाती रही है।

गायत्री प्रजापति के खिलाफ दर्ज हुई थी एक और एफआईआर

गायत्री प्रसाद के खिलाफ एक एफआईआर धोखाधड़ी और जालसाजी के आरोप में दर्ज की गई थी। यह एफआईआर रेप का आरोप लगाने वाली महिला के वकील दिनेश चंद्र त्रिपाठी ने करवाई थी। एफआईआर में पीड़ित महिला को भी आरोपी बनाया गया है।

वकील ने लगाए थे रेप पीड़ित महिला पर आरोप

त्रिपाठी ने आरोप लगाया कि मामले को रफा-दफा करने के लिए रेप पीड़ित महिला और आरोपी गायत्री प्रसाद के बीच करोड़ों का लेनदेन हुआ। त्रिपाठी ने कहा कि शिकायतकर्ता महिला ने उन्हें गैंगरेप मामले में फरवरी 2019 में प्रजापति और अन्य सहआरोपी के पक्ष में एफिडेविट दाखिल करने को कहा था और जब उन्होंने विरोध किया तो महिला ने उन्हें गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी भी दी थी।

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