गोरखपुर।ट्रेन में सफर के दौरान अब टीटीई मनमाने ढंग से बर्थों का आवंटन नहीं कर पाएंगे। टिकट चेकिंग स्टाफ हाथ में मैनुअल चार्ट की जगह आधुनिक हैंड हेल्ड टर्मिनल (एचएचटी) लेकर चलेंगे। रेलवे बोर्ड के निर्देश पर पूर्वोत्तर रेलवे में प्रशिक्षण शुरू हो गया है। पहले चरण में पूर्वोत्तर रेलवे के 16 स्टाफ प्रशिक्षित हो चुके हैं। शेष कर्मचारियों को प्रशिक्षित करने के बाद उन्हें एचएचटी उपलब्ध करा दिया जाएगा।
पूर्वोत्तर रेलवे को मिले हैं कुल 316 एचएचटी: मुख्य जनसंपर्क अधिकारी पंकज कुमार सिंह के अनुसार पूर्वोत्तर रेलवे को कुल 316 एचएचटी मिले हैं। जिसमें लखनऊ मंडल को 191, वाराणसी मंडल को 96 और इज्जतनगर मंडल को 29 एचएचटी आवंटित कर दिया गया है।
बर्थ खाली होते ही कन्फर्म हो जाएंगे आरएसी और वेटिंग के टिकट:गाड़ियों में यात्रियों के नाट टर्नअप होने से खाली हुई बर्थ एचएचटी में फीड होगी। खाली बर्थ फीड होते ही आरएसी के बर्थ कन्फर्म हो जाएंगे। टिकट कन्फर्म की सूचना यात्रियों के मोबाइल पर पहुंच जाएगी। आरएसी क्लीयर होने के बाद बर्थ खाली होने पर प्रतीक्षा सूची के यात्रियों का टिकट भी कन्फर्म हो जाएगा। इसकी सूचना भी यात्रियों के मोबाइल पर पहुंच जाएगी। एचएचटी के उपयोग से अनधिकृत बर्थ आवंटन पर अंकुश लगेगा। प्रतीक्षा सूची के यात्रियों को राहत मिलेगी साथ ही पारदर्शिता के साथ रियल टाइम बर्थ की उपलब्धता के बारे में जानकारी मिल जाएगी।
रेल टेल के नेटवर्क से चलेगा सिस्टम:हैंड हेल्ड टर्मिनल (एचएचटी) का सिस्टम रेल टेल के नेटवर्क फोर जी से चलेगा। प्वाइंट आफ सेल (पीओएस) की तरह रास्ते में वह जवाब नहीं देगा। दरअसल रेलवे प्रशासन ने व्यवस्था को पारदर्शी बनाते हुए प्रत्येक टीटीई को पीओएस दिया है, लेकिन आज तक एक भी आनलाइन जुर्माना नहीं कटा है। रेलवे और स्टेट बैंक आफ इंडिया की पीओएस व्यवस्था परवान चढ़ने से पहले ही धराशायी हो गई है।
संजय श्रीवास्तव- समूह सम्पादक (9415055318) शिविलिया पब्लिकेशन- लखनऊ, अनिल शर्मा- निदेशक, शिवम श्रीवास्तव- जी.एम