आगामी विधानसभा चुनाव में भाजपा को बुंदेलखण्ड में सभी 19 सीटें जीतना होगी कड़ी चुनौती

विधानसभा भवन
वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में प्रदेश में 312 सीटें जीती थीं
उस समय भाजपा को सवर्ण पिछड़ा दलित का प्रचुर मात्रा में तथा कुछ संख्या में मुस्लिम वोट भी मिला था
भाजपा को रिकार्ड 61 प्रतिशत मत मिले थे
भाजपा ने वह चुनाव मुख्यमंत्री के चेहरे के बिना लड़ा था
अनिल शर्मा़+संजय श्रीवास्तव़+डा0 राकेश द्विवेदी
बुंदेलखण्ड। वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव भाजपा ने बिना किसी मुख्यमंत्री के चेहरे के ही चुनाव लड़ा था। भाजपा को अब तक विधानसभा चुनाव के इतिहास में उप्र में कुल विधानसभा सीटें 403 में से 312 सीटों पर विजय मिली थी। यानी उसे तीन चैथाई बहुमत मिला था। भाजपा ने कुल मतदान का 61 प्रतिषत मत प्राप्त किया था। जनसंघ से लेकर भाजपा तक पहली बार बुंदेलखण्ड की सभी 19 सीटों पर भाजपा ने कब्जा कर लिया था। क्योंकि उस समय भाजपा की सुनामी चल रही थी। लेकिन 2022 के आगामी विधानसभा चुनाव में भाजपा के सामने पुनः उसी जीत को दोहराना एक कठिन चुनौती होगा।
बुण्देलखण्ड में कुल 17 विधानसभा सीटें हैं। यहां दो मण्डल हैं, झांसी और चित्रकूट। झांसी मण्डल में 9 विधान सभा सीटें हैं जबकि चित्रकूट मण्डल में 10 विधानसभा सीटें हैं। झांसी मण्डल में जहां 3 विधानसभा सीटें अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित हैं वहीं चित्रकूट मण्डल में दो विधानसभा सीटें अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित हैं। झांसी जिले में कुल 4 विधानसभा सीटें हैं इनमें झांसी महानगर से भाजपा विधायक रवि शर्मा हैं। बबीना विधानसभा से राजीव सिंह पारीछा भाजपा विधायक हैं। अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित मऊरानीपुर विधानसभा सीट से बिहारी लाल आर्य विधायक हैं। मोंठ-गरौठा विधानसभा सीट से जवाहर लाल राजपूत विधायक हैं।
इसी तरह जालौन जनपद में कुल 3 विधानसभा सीटें हैं। जिनमें उरई-जालौन विधानसभा सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है, जिससे गौरी शंकर वर्मा विधायक हैं। जबकि माधौगढ़ विधानसभा सीट से मूलचंद निरंजन तथा कालपी विधानसभा सीट से नरेन्द्र सिंह जादौन विधायक हैं। इसी प्रकार ललितपुर जिले में दो विधानसभा सीटें हैं। महरौनी सुरक्षित विधानसभा सीट से मनोहर लाल पंत विधायक हैं, जो प्रदेश में राज्यमंत्री हैं। जबकि ललितपुर सीट से राम रतन कुशवाहा विधायक हैं।
इसी तरह चित्रकूट मण्डल में कुल चार जिले हैं और कुल 10 विधानसभा सीटें हैं। इनमें बांदा जिले में 4 क्रमशः प्रकाश द्विवेदी विधायक हैं तो तिंदवारी विधानसभा सीट से बृजेश कुमार प्रजापति विधायक हैं। बबेरू विधानसभा सीट से चन्द्रपाल कुशवाहा विधायक हैं। जबकि नरैनी सुरक्षित विधानसभा सीट से राज करन कबीर विधायक हैं। महोबा में कुल दो विधानसभा सीटें हैं। महोबा से राकेश गोस्वामी तथा चरखारी से बृजभूषण सिंह राजपूत विधायक हैं।
हमीरपुर में कुल दो सीटें हैं। हमीरपुर सीट से युवराज सिंह विधायक हैं जबकि राठ सुरक्षित सीट से मनीषा अनुरागी विधायक हैं। चित्रकूट जिले में 2 सीटें हैं। जिसमें चित्रकूट कर्बी से चंद्रिका प्रसाद उपाध्याय विधायक तथा प्रदेश के राज्यमंत्री भी हैं। मानिकपुर सीट से आनन्द शुक्ला विधायक हैं। 2017 के चुनाव में बुंदेलखण्ड में भाजपा की ऐसी सुनामी चली कि यहां की 19 की 19 सीटें मतदाताओं ने भाजपा की झोली में डाल दी। अब वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव में भाजपा के खाते में राम मन्दिर का निर्माण, धारा 370 और 35ए का खात्मा, तीन तलाक का कानून तथा प्रदेष में अपराधी व माफियाओं का एनकांउटर बड़े काम हैं। जबकि विभागों में बढ़ता भ्रष्टाचार, प्रदेष में महिलाओं के साथ बलात्कार की घटनाएं, अपहरण की बढ़ती घटनाएं, अवैध बसूली, कोरोना के कारण गरीब और मध्यम वर्ग की घटती आमदनी, उसकी गृहस्थी पर मंहगाई का बढ़ता बोझ, भाजपा में भी जातिवाद का हावी होना, भाजपा के कार्यकर्ताओं के अन्दर अपनी उपेक्षा केा लेकर बढ़ती मायूसी है। इसलिये आगामी 2022 के चुनाव में बुंदेलखण्ड की सभी सीटें दोबारा जीतने में कड़ी चुनौती का सामना करना पड़ेगा।
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