इतिहास में पहली बार, राष्ट्रपति के मेहमान बने दिल्ली के तीन जांबाज पुलिसकर्मी

नई दिल्ली
39 साल की सब-इंस्पेक्टर सुनीता मान राष्ट्रपति भवन के गेट पर तब दिखाई देती थीं, जब वह वहां सिक्यॉरिटी में तैनात होती थीं। लेकिन शनिवार को वह राष्ट्रपति भवन में मेहमान के तौर पर शामिल हुईं। स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद द्वारा हर साल होने वाले ‘एट होम रिसेप्शन’ में एक आमंत्रित दिल्ली पुलिस के तीन पुलिसकर्मियों में से एक थीं। इतिहास में पहली बार राष्ट्रपति भवन में इस कार्यक्रम में दिल्ली पुलिस के तीन पुलिसकर्मी शामिल हुए थे।

दक्षिणी दिल्ली के मैदांगरही पुलिस स्टेशन में तैनात मान ने कोविड-19 लॉकडाउन के दौरान भाटी माइंस में बड़ी प्रवासी आबादी के साथ काम किया था। मान ने कहा, ‘राष्ट्रपति ने अपने भाषण में कोरोना योद्धाओं का उल्लेख किया और मैं अभिभूत थी।’ उन्होंने कहा कि जब मुझे राष्ट्रपति भवन में आमंत्रित किया गया तो मेरी 10 साल की बेटी ने कहा, ‘मुझे तुम पर गर्व है, मम्मी’। इसके बाद मुझे अहसास हुआ कि मैंने जो किया है, वह कुछ अलग है।

पीरियड्स को लेकर महिलाओं को किया जागरूक
लॉकडाउन के दौरान, मान उन इलाकों में पहुंचीं जहां काफी संख्या में किशोर और महिलाएं रह रही थीं। उन्होंने वहां उन्हें मासिक धर्म और सफाई को लेकर जागरूक किया। इसके अलावा उन्होंने इस दौरान लोगों को राशन भी उपलब्ध कराया।

मनीष को भी मिला न्योता
सुनीता की तरह ही द्वारका डीसीपी ऑफिस में तैनात हेड कॉन्स्टेबल मनीष कुमार भी राष्ट्रपति भवन में आयोजित कार्यक्रम में आमंत्रित किए गए थे। लॉकडाउन के दौरान मनीष गरीबों के लिए एक मसीहा बनकर सामने आए थे। पीएम मोदी के भाषण से प्रेरणा लेकर उन्होंने कम्युनिटी किचन स्थापित किया और संकल्प लिया कि इस मुश्किल वक्त में कोई भूखा न सोने पाए। कोरोना को लेकर मनीष ने एक जागरुकता अभियान भी चलाया। कोरोना वायरस जैसे दिखने वाले अपने खास हेल्मेट की वजह से वह काफी चर्चा में भी रहे।

जीतेन्द्र बने तीसरे भाग्यशाली
43 वर्षीय हेड कॉन्स्टेबल जितेन्द्र शनिवार को राष्ट्रपति भवन में प्रवेश करने वाले तीसरे भाग्यशाली थे। उन्होंने कहा, ‘आज मेरे बेटे का जन्मदिन है और कल मेरी बेटी का।’ उन्होंने कहा, ‘जब मैं ट्रैफिक में काम कर रहा था, तो मैं एक बार राष्ट्रपति भवन के बाहर तैनात था। लेकिन इस तरह से यहां अंदर बैठना एक खास अनुभव है।’ जितेन्द्र कोरोना पॉजिटिव पाए गए थे जिसके बाद वह पहले तो मई में क्वारंटीन हो गए और फिर रिकवरी के बाद हरियाणा में अपने गांव चले गए। वहां उन्हें पता लगा कि उनके एक सहकर्मी की पत्नी की हालत गंभीर है, इसके बाद वह तुरंत प्लाज्मा दान करने के लिए दिल्ली पहुंच गए।

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