ऑनलाइन क्लासों मे गरीबी सबसे बडी बाधा

6-7 years cute child learning mathematics from computer.
आनलाइन क्लासों मे गरीबी सबसे बडी बाधा
52 प्रतिशत गरीब छात्र छात्राआ के पास नही है एनड्राइड फोन
सिर्फ 7 से 10 प्रतिशत ही छात्र छात्राएं उठा पा रहे है फायदा
अनिल शर्मा + संजय श्रीवास्तव + डा राकेश द्विवेदी
बुंदेलखंडः कोरोना महामारी के दौर मे लाॅकडाउन और अनलाॅकडाऊन मे पूरे देश स्कूल , विद्यालय बंद है। देश मे काफी समय से आनलाइन क्लासेस चलाए जा रहे है। आनलाइन क्लासेस के दौरान गरीब छात्र, छात्रांए सबसे ज्यादा प्रभावित हो रहे है। एक सर्वे के अनुसार 52 प्रतिशत छात्र, छात्राओ और उनके अभिभावको के पास एनड्राईड फोन ही नही है। इसके अभाव मे ये गरीब छात्र छात्राएं आनलाइन शिक्षा से जुड नही पा रहे है। विशेष तौर से सरकारी स्कूल और विद्यालय मे पढने वाले गरीब विद्यार्थी आॅनलाइन शिक्षा का लाभ नही उठा पा रहे है। अभी हाल मे ही बुंदेलखंड जल मंच द्वारा किए गए एक सर्वे मे यह निष्कर्ष निकल कर आया है कि यदि एक प्राइमरी स्कूल मे 100 विद्यार्थी पढते है। उसमे से 7 से लेकर 19 प्रतिशत ही छात्र छात्राएं ही आॅनलाइन शिक्षा का लाभ उठा पाते है।
जब कि सरकार इस दिशा मे काफी प्रयास कर रही है। आनलाइन क्लासेस जब से शुरु हुई है तमाम गरीब छात्र छात्राएं अवसाद मे आ रहे है। पिछले दिनो हमीरपुर के राठ कस्बे की रहने बाली कक्षा 10 वी की छात्रा ने आनलाइन पढाई के कारण अवसाद मे आने के कारण आत्महत्या कर ली थी।
इसी तरह का मानसिक तनाव तमाम गरीब छात्र छात्राओ को आॅनलाइन शिक्षा समझ मे न आने के कारण और एन्ड्राइड फोन न होने के कारण हो रहा है।
झांसी और बांदा के प्रतिष्ठित स्कूल की प्रधानाचार्यो ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि आनलाइन शिक्षा महज एक दिखावा है। इससे बच्चो के सार्वागीण विकास पर भी विपरीत प्रभाव पड रहा है। छात्र छात्राएं आनलाइन क्लासेस के नाम पर अपने अभिवावको से झूठ बोल कर फेसबुक, व्हृाटशप आदि मे व्यस्त रहते है।
जवाहर नवोदय पुरातन छात्र परिषद के अध्यक्ष मुकेश यादव कहते है कि आॅनलाइन शिक्षा से छात्र छात्राओ की वार्षिक परीक्षा की तैयारी ठीक से नही हो पायेगी। जिसका असर उनके परीक्षा परिणामो पर पडेगा।
जल जन जोडो अभियान के राष्ट्रीय संयोजक डा.संजय सिंह ने कहा कि गरीबी के कारण तमाम अभिभावक अपने बच्चो को आनलाइन शिक्षा नही दिला पा रहे है। जिससे बच्चे शिक्षा से विमुख हो रहे है।
अभिभावक धनीराम श, शोभाराम साहू, मनोज तिवारी, शानू और शाहिद खान कहते है कि गरीबी के चलते इस कोरोना महामारी मे काम धाम ठप पड गए है। दाल रोटी तो चलाना मुश्किल हो गई है। अब घर मे कई कई बच्चे पढ रहे है अब आप ही बताओ कहां से लाए एंड्राइड फोन।
चाइल्ड लाइन झांसी के कोआर्डिनेटर अमर दीप ने बताया कि आॅनलाइन शिक्षा के चलते छात्राओ मे उत्पन्न हुए तनाव को लेकर अभिभावको और छात्र छात्राओ के भी फोन लगातार आ रहे है। ऐसे अभिभावको और छात्र छात्राओ को चाइल्ड लाइन की ओर तनाव घटाने को परामर्श दिया जा रहा है।
संजय श्रीवास्तव-प्रधानसम्पादक एवम स्वत्वाधिकारी, अनिल शर्मा- निदेशक, डॉ. राकेश द्विवेदी- सम्पादक, शिवम श्रीवास्तव- जी.एम.
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