कई माह बाद भी पटरी पर नही शिक्षा की गाड़ी

जानकारी देते बीएसए
उरई(जालौन)। कोविड 19 ने किसे अपना शिकार नही बनाया जिसे देखो वही इसके दंश को भुगत रहा है फिर चाहे वह सामाजिक जीवन की गाडी हो या फिर उससे जुडी अन्य व्यवस्थायें सब कुछ उलट पुलट सी दिखलाई दे रही है मानों किसी बडे भूकंप के बाद लोग अपने घरोंदे तलाश रहे हो। शिक्षा का हाल भी कम बेहाल नही है सरकारी तंत्र इसे पटरी पर लाने में अपनी पूरी सार्मथ्य झोंक चुका है बाबजूद इसके अभी तक इसे पटरी पर नही लाया जा सका है। आलाधिकारियों की माने तो नये तरीकों मसलन रेडियों दूरदर्शन और मोबाइल के जरिये कक्षाओं की निरंतरता बनाई जा रही है पर यहां भी चुनौतियां कम नही है।
मार्च 2020 देश और दुनियां के लिये सदी की सबसे बडी त्रासदी लेकर आया जब पड़ोसी मुल्क चीन से कोरोना रूपी वायरस के संक्रमण ने तेजी के साथ लोगो को अपनी चपेट में लेना शुरू कर दिया। नतीजा यह निकला कि लोगो को सुरक्षित बनाये रखने की मंशा से देश और प्रदेश की सरकारों को संर्पूण लाक डाउन करना पडा पहली वार देश भर में लगातार कई सप्ताह तक जीवन की रफतार थम गयी जो जहां जिस स्थिति में था। उसे वहीं रोक दिया गया यहां तक कि संम्र्पूण शैक्षणिक संस्थाओं में ताले लटक गये। अधिकांश परीक्षाएं बीच में ही रोक दी गयी। बच्चें जवान बूढें सभी को अपने घरों में ही रहने के लिये सरकारें निर्देशित करती रही उम्मींद के पिटारें से लाॅकडाउन के बाद यहीं निकलता रहा कि जल्दी ही देश इस महामारी के प्रकोप से बच निकलेगा और सब कुछ पहले की तरह पटरी पर होगा। बहुत कुछ हद तक सकारात्मक परिणाम आयें पर कुछ व्यवस्थायें जो पूरी तरह से चरमरा गयी थी वह कई माह बाद भी दुरूस्त नही की जा सकी। शिक्षण व्यवस्था का तो जो हाल है उसने हर किसी को सोचने के लिये विवश कर दिया। फिर चाहें वह छात्र हो या फिर अभिभावक अथवा शिक्षक, यहां तक की निजी और सरकारी व्यवस्थाओं के संचालन की जिम्मेदारी निभाने वाले जिम्मेदारों तक को मौजूदा हाल तक गंभीर चुनौंती का सामना करना पड़ रहा है।

रेडियों और दूरदर्शन के सहारे टिके शिक्षा महकमें
बिगड़ी हुयी शिक्षण व्यवस्था को सुधारनें और उसे पटरी पर लाने में जुटे शिक्षा महकमों के जिम्मेदार भले ही कोई कसर न छोड रहे हो पर हालात इस कदर गंभीर है कि उन्हें कम चुनौतियों का सामना नही करना पड रहा है आलाधिकारियों की माने तो अनलाक डाउन के बाद की गाइड लाइन के निर्देशों के पालन के साथ वह जो भी कारगर प्रयास है उन्हें करने में जुटे हुये है बहरहाल उन्हें आन लाइन शिक्षण व्यवस्था के साथ साथ रेडियों और दूरदर्शन के प्रसारण का सहारा लेना पड रहा है। बेसिक शिक्षा अधिकारी प्रेमचंद यादव ने बताया कि बच्चों के पास ऐनडरायड मोबाइल न होने के कारण आन लाइन में दिक्कतें है हालाकि प्रात 9 बजे से दूरदर्शन पर और 11बजे से 12 बजे तक रेडियों पर कक्षाओं से जुडी विषय सामग्री का प्रसारण होता है जिससे बच्चों को पढाई में मदद मिल रही है।
