साथ ही जेल पर पूरी तरह से कब्जा कर जेल प्रशासन को असहाय कर दिया था. हालात यह थे कि भीतर कैदी हंगामा कर रहे थे तो बाहर मृत कैदी के परिजन प्रदर्शन पर बैठ गए थे. इसके बाद 2 अगस्त, 2015 को भी इसी जेल में तलाशी के विरोध में कैदियों ने बंदी रक्षकों पर पथराव किया था. पर तुरंत कार्रवाई करने पर मामला बढ़ने से पहले ही नियंत्रित कर लिया गया था.
इन जेलों में भी कैदियों ने किया था कब्जा
जौनपुर जेल में भी कैदियों ने कर लिया था कब्जा
इसी साल जून माह में जौनपुर जेल में भी कुछ इसी तरह के वाक्या सामने आए थे. यहां कैदियों ने जमकर उत्पात मचाते हुए जेल के अंदर आगजनी की थी, लेकिन हालात को नियंत्रित करने के लिए पुलिस की ओर से आंसू गैस के गोले दागे गए थे. बावजूद इसके उत्पात लगातार पांच घंटों तक चला था.
इससे पहले 2016 में जौनपुर जिला जेल में महिला बंदीरक्षक के साथ छेड़छाड़ की बात पर जेल प्रशासन ने लाठीचार्ज किया था. जिसमें एक कैदी श्यामा यादव की मौत हो गई थी. इस मामले में जेलर सहित दर्जन भर बंदीरक्षकों के खिलाफ मृतक के परिवारवालों ने हत्या का केस दर्ज कराया था. इस दौरान भी उक्त घटना को लेकर जेल परिसर में कैदियों ने जमकर हंगामा काटा था.
बलिया जेल में बंद कैदियों ने की थी प्रभारी कारापाल को मारने की कोशिश
वहीं, 13 अगस्त 2021 को बलिया जिला जेल में बंद कैदियों ने बैरक खोलने पहुंचे प्रभारी कारापाल के ऊपर हमला कर उनकी हत्या करने की कोशिश की थी. इस घटना की सूचना के बाद सीओ सिटी और सिटी मजिस्ट्रेट मय फोर्स के साथ जेल में पहुंचे थे और कैदियों को समझा बुझाकर शांत कराया गया था. वहीं, उक्त घटना में 19 कैदियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था.
इससे पहले साल 2015 में बलिया की जिला जेल में कैदी और बंदी रक्षकों के बीच मारपीट की घटना सामने आई थी. इसके लिए जेल परिसर में कैदियों ने कई दिनों तक भूख हड़ताल की थी. ऐसा इसलिए किया गया था, क्योंकि कैदियों के साथ भेदभाव करने, इलाज न कराने और भोजन में कटौती करने को लेकर किया था. इसके पूर्व दो चर्चित बंदियों के बीच मारपीट हुई थी, जिससे कई दिनों तक जेल अशांत रहा था.
जब चित्रकूट जेल में हुई मुख्तार के करीबी की हत्या
चित्रकूट जेल की उच्च सुरक्षा बैरक में मई 2021 में वाराणसी के मेराज की हत्या कर दी गई. मेराज, मुख्तार अंसारी का करीबी माना जाता था. वहीं, जेल में हत्या की घटना के बाद प्रशासन की व्यवस्थाओं पर भी सवाल उठे थे.
जब गोरखपुर जेल में कैदियों ने किया था कब्जा
गोरखपुर जिला जेल में 13 अक्टूबर, 2016 को एक कैदी की मौत से नाराज अन्य कैदियों ने जमकर हंगामा काटते हुए तीन बंदीरक्षकों को बंधक बना लिया था और पूरे दिन जेल पर कब्जा जमाए बैठे रहे थे. हालांकि, उक्त मामले में पुलिस की ओर से बताया गया था कि 13 अक्टूबर की सुबह करीब आठ बजे जेल में तलाशी अभियान में करीब 130 मोबाइल फोन बरामद किए जाने के दौरान कैदी सूरजभान की मौत से नाराज कैदियों ने हंगामा शुरू किया था. हंगामे के दौरान पथराव कर 6 जेलकर्मियों को घायल किया था. वहीं उग्र कैदियों को काबू नियंत्रित करने को आंसू गैस के गोले दागे गए थे.
वाराणसी में कैदियों ने फोड़ दिया था जेलर का सिर
अप्रैल 2016 में वाराणसी के जिला जेल में कैदियों ने जेल पर कब्जा करने के साथ ही जेलर और अधीक्षक को बंदी बना लिया था. और तो और कैदियों ने डिप्टी जेलर का सिर तक फोड़ दिया था. ऐसे में कैदियों को काबू में करने के लिए पुलिस ने कई राउंड हवाई फायरिंग भी किया था. इस दौरान कैदियों और पुलिसकर्मियों के बीच जमकर मारपीट की भी हुई थी.
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