उरई: जनपद जालौन के मुख्यालय उरई तहसील के अंतर्गत सिद्ध मंदिर के कारण प्रसिद्धि प्राप्त ग्राम अकोढ़ी-बैरागढ़ में स्थित प्राचीन तालाब का अस्तित्व अब बहुत खतरे में आ गया है। क्योंकि इस दो सौ वर्ष पुराने तालाब पर से अतिक्रमण हटवाने की मांग को लेकर प्रशासन से आग्रह करते-करते अब ग्रामीण भी पस्त पड़ गए हैं। स्थिति यह है कि राजस्व अभिलेखों में तालाब का रकवा लगभग तीन बीघा दर्ज है। मगर तालाब के चारों तरफ अवैध कब्जे धारियों ने तालाब को काफी हद तक समाप्त कर दिया है। जिसके चलते कभी विशाल तालाब रहा यह जलाशय अब एक बड़े गड्ढे के रूप में रह गया है। कभी उक्त तालाब से गांव भर के ग्रामिणो की पानी की जरूरतें पूरी हो जाती थीं। जागरूक ग्रामीण तालाब को अतिक्रमण मुक्त कराने की लड़ाई वर्षों से लड़ रहे हैं।किंतु उनकी उच्च अधिकारियों को दी गयी शिकायतें तहसील में आकर अटक जाती हैं।