जनाधार विहीन नेता को सपा ने बनाया एसटीएसटी का जिलाध्यक्ष

नगर आगमन पर नवनियुक्त जिलाध्यक्ष नहीं जोड़ सके समाज के आधा दर्जन लोग
उरई (जालौन)। समाजवादी पार्टी के अनुसूचित जाति प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष ब्यास गौड़ ने जनपद जालौन का अनुसूचित जाति प्रकोष्ठ का अध्यक्ष राजपाल सिंह जाटव को बनाकर यह दायित्व सौपा है जिन्हें सपा के नेता और कार्यकर्ता भी नहीं पहचानते है तो ऐसे में भला नवनियुक्त अनुसूचित जाति प्रकोष्ठ के जिलाध्यक्ष राजपाल सिंह जाटव अपने समाज के लोगों को सपा में कितना जोड़ सकेंगे यह तो आने वाला समय ही बता पायेगा। पहली बार सपा अनुसूचित जाति प्रकोष्ठ का जिलाध्यक्ष बनकर जनपद में आये राजपाल सिंह जाटव का स्वागत करने के लिए आधा दर्जन लोग भी जाटव समाज के नहीं जुट सके तथा इसी आपाधापी में सपा अनुसूचित जाति प्रकोष्ठ के नवनियुक्त अध्यक्ष राजपाल सिंह जाटव ने चंद साथियों के साथ सपा कार्यालय पहुंच कर चंद मीडिया के सामने अपनी वाहवाही लूटने का काम कर दिखाया। इससे पहले अनुसूचित जाति प्रकोष्ठ के जिलाध्यक्ष पद का दायित्व बाल्मीकि समाज से जुड़े जीवनप्रताप बाल्मीकि के पास था जिसे उन्होंने बखूबी निभाया तथा पार्टी के कार्यक्रमों में अपने समाज के सैकड़ों की भी हिस्सेदारी दिखाने का काम किया।बताते चले कि जीवनप्रताप बाल्मीकि कई वर्षों से सपा मुखिया अखिलेश यादव की नीतियों में आस्था जताते हुए लगन के साथ जुटे हुए तथा उनकी पत्नी भी सपा के टिकट पर नगर पालिका परिषद उरई का चुनाव लड़ी और मामूली अंतर से पराजित हुई थी। इसके बाद भी सपा अनुसूचित जाति प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष ने जीवनप्रताप बाल्मीकि को पद से हटाकर राजपाल सिंह जाटव को प्रकोष्ठ का जिलाध्यक्ष बनाकर उपकृत कर दिया जिनका ना तो कोई पार्टी संगठन में कभी योगदान रहा है और न ही संगठन के कार्यक्रम में कभी बढ़चढ़कर हिस्सा ही लिया है। पार्टी सूत्रों की अगर माने तो कुछ सपा से जुड़े कर्मठ लोगों का कहना है कि सपा संगठन में जिसका कभी योगदान भी नहीं रहा है ऐसे ब्यक्ति की नियुक्ति करने के पहले सपा जिलाध्यक्ष की भी सहमति लेकर ही प्रदेश अध्यक्ष को नियुक्ति करनी चाहिए थी।