जब उधारी का ब्याज नहीं चुकाया तो सूदखोरों ने बेच दी शिक्षक की किडनी, जानें क्या है यह मामला

अहमदाबाद: सामाजिक रीति-रिवाजों के निर्वहन का बोझ इस कदर हावी है कि लोग अपने घर बार सहित अब शरीर के अंगों को भी मजबूरन बेचने लगे हैं। शान-ओ-शौकत में कमी ना हो इसके लिए घर, खेत, जमीन गिरवी रख लाखों रुपए उधार लेने में भी गुरेज नहीं करते, जिसका खामियाजा उन्हें बाद में भुगतना पड़ता है। हाल ही में ऐसी ही एक घटना सामने आई है, जिसमें एक शिक्षक को सामाजिक दायित्वों के निर्वहन के बाद अपनी किडनी तक बेचनी पड़ी। यह शिक्षक अंतरराष्ट्रीय बॉडी पार्ट बेचने वालों के चंगुल में फंस गया जिसके चलते उसे मजबूरन अपनी किडनी बेंचनी पड़ी।
गुजरात के बनासकांठा के थराद थाना क्षेत्र के तगार्ड में रहने वाले शिक्षक राजा पुरोहित ने 3 वर्ष पहले अपनी व भांजी की शादी के लिए कुछ रुपए लिए थे, जो एक साल में ही बढ़कर करीब दस लाख रुपये हो गए। इधर उधार देने वाले अंतरराष्ट्रीय गिरोह ने उनके घर पहुंचकर दबिश देनी शुरू कर दी। वह रोजाना घर पर आकर रुपयों की मांग करने लगे। पैसे नहीं देने पर गैंग के लोग जान से मारने की धमकी भी देते रहे। कई बार पैसे के लेनदेन को लेकर हिसाब हुआ लेकिन बात नहीं बनी, जिसके बाद अंगों की तस्करी करने वाले अंतरराष्ट्रीय गिरोह ने शिक्षक को उनकी किडनी बेचने के लिए विवश किया।
डर के मारे शिक्षक ने किसी से शिकायत भी नहीं की। अंगों की तस्करी करने वाले अंतरराष्ट्रीय गिरोह ने शिक्षक की किडनी 15 लाख रुपये में श्रीलंका के कोलंबो एक डॉक्टर मोनील नावलोका को बेंच दी। किडनी बेच कर वापस लौटने पर भी गिरोह के लोग उन्हें परेशान करते रहे। जिसके बाद शिक्षक ने मामला आगे बढ़ता देख स्थानीय पुलिस को पूरी घटना की जानकारी दी। उन्होंने इस घटना को लेकर थराद पुलिस शिकायत दर्ज कराई।
थराद पुलिस ने तहरीर के आधार पर चार नामजद लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है। पुलिस की जांच में अंतरराष्ट्रीय किडनी रैकेट का पता चला। पुलिस ने बताया कि गिरोह के लोग पहले अपनी जाल में मजबूर और बेबस लोगों को फंसाते हैं। इसके बाद लोगों के अंग निकाल कर बाहरी देश में बेच देते हैं। पुलिस ने आरोपी हरेश वजीर, देवा रबारी, ओखा रबारी, वशराम रबारी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।