जिलाधिकारी ने ली स्वामित्व योजना की बैठक

उरई (जालौन)। जिलाधिकारी डाॅ. मन्नान अख्तर की अध्यक्षता में स्वामित्व योजना के संबंध में बैठक कलेक्ट्रेट सभागार में सम्पन्न हुई। बैठक में स्वामित्व योजना में सर्वेक्षण प्रक्रिया में ध्यान रखने योग्य बिन्दुओं पर चर्चा की गयी। उन्होने बताया कि सर्वेक्षण कार्य प्रारम्भ करने के पूर्व राज्य सरकार सर्वेक्षण क्षेत्र को अधिसूचित करेगी। सीओआरएस नेटवर्क की स्थापना भारतीय सर्वेक्षण विभाग द्वारा की जायेगी। उन्होने बताया कि सर्वेक्षण कार्य प्रारम्भ करने के पूर्व जिलाधिकारी एक सार्वजनिक सूचना के माध्यम से सर्वेक्षण क्षेत्र को प्रकाशित करेगे। ग्रामीण आबादी सर्वेक्षण का यह कार्य अभिलेख अधिकारी/जिलाधिकारी तथा सहायक अभिलेख अधिकारी/उप जिलाधिकारी के सतत पर्यवेक्षण में किया जायेगा। अभिलेख अधिकारी/जिलाधिकारी तथा सहायक अभिलेख अधिकारी/उप जिलाधिकारी तैयार किये गये अभिलेखों की शुद्धता सुनिश्चित करायेगे। उन्होने बताया कि ग्राम आबादी में व्यक्तिगत सम्पत्तियों सरकारी सम्पत्ति, ग्राम सभा भूमि पार्सल, सड़के, खुले भूखंड आदि की पहचान और सर्वेक्षण किए जाने वाले सम्पत्ति क्षेत्रों की सीमाओं का चिन्हांकन हेतु सर्वे टीमें गठित की जायेगी। इन टीमों में राजस्व विभाग व ग्राम पंचायत के कर्मचारी सदस्य होगे। सर्वेक्षण के समय शान्ति व्यवस्था के लिये आवश्यकतानुसार पुलिस बल की उपस्थिति सुनिश्चित की जायेगी। पंचायती राज विभाग ग्राम के निवासियों को सर्वेक्षण की अनुसूची के बारे में सूचित करने और सर्वेक्षण पद्धति और इसके लाभों के बारे में संवेदनशील बनाने के लिए ग्राम सभा में बैठके आयोजित करेगी। इसके साथ ही पंचायती राज विभाग द्वारा ग्राम सभा सम्पत्ति पंजिकाओं को भी अद्ययावधिक किया जायेगा। उन्होने बताया कि प्रथम सर्वेक्षण के समय सर्वे टीम द्वारा निम्न कार्यवाहियां एक साथ की जायेगी- व्यक्तिगत सम्पत्तियों, सरकारी सम्पत्ति, ग्राम सभा भूमि पार्सल, सड़कें, खुले भूखंड आदि की पहचान और सर्वेक्षण किए जाने वाले संपत्ति क्षेत्रों की सीमाओं का चिन्हांकन चूना लाइन द्वारा की जायेगी। विवादित सम्पत्तियों को दोहरी चूना लाइन द्वारा दर्शाया जायेगा। उन्होने बताया कि भारतीय सर्वेक्षण विभाग द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में आबादी क्षेत्र के मानचित्रण के लिए व्यावसायिक सर्वेक्षण ग्रेड मानव रहित हवाई वाहन/ड्रोन का उपयोग कर एरियल छवियां ली जायेगी। ड्रोन के माध्यम से ली गई छवियों की जांच भारत की भौगोलिक सूचना प्रणाली प्रयोगशाला में की जाएगी तथा भारतीय सर्वेक्षण विभाग द्वारा तैयार कर सहायक अभिलेख अधिकारी/उपजिलाधिकारी को उपलब्ध कराया जायेगा। भारतीय सर्वेक्षण विभाग द्वारा उपलब्ध कराये गये सर्वे टीम द्वारा भारतीय सर्वेक्षण विभाग के सहयोग से स्थलीय सत्यापन करते हुये निम्न कार्यवाहियां की जायेगी- स्थलीय सत्यापन में यदि आबादी की त्रुटि पाई जाती है तो उसका अंकन किया जायेगा। बैठक में जिलाधिकारी ने कहा कि इस कार्य हेतु लेखपाल एवं सेकेट्री का प्रशिक्षण कराया जाये जिससे उनको इसके बारे में जानकारी हो सके। इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी प्रशान्त कुमार श्रीवास्तव, अपर जिलाधिकारी प्रमिल कुमार सिंह, समस्त उपजिलाधिकारी एवं तहसीलदार उपस्थित रहे।

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