सीआरपीएफ भी वजह तलाशने में जुटी
एक वरिष्ठ सीआरपीएफ अधिकारी ने कहा कि जवानों को ऐसे हालात से बचाने के लिए विभिन्न उपायों की खोज की जा रही है। हालांकि अभी बहुत बेहतर उपाय मिल नहीं सके हैं। उन्होंने कहा कि हथियारों की आसानी से मौजूदगी इन मामलों का सबसे घातक पहलू है। सभी पैरामिलिट्री फोर्स के जवान हैं और उनके पास हथियार भी हैं। ऐसे में वह खुद को या अन्य साथियों को गोली मार देते हैं। इस वरिष्ठ सीआरपीएफ अफसर ने ऐसी घटनाओं पर चिंता जताते हुए इन पर जल्द से जल्द रोक लगाने की भी बात कही।
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