डीएम के आदेश से ही तोड़ा गया अवैध निर्माण, मीडिया में प्रचारित कराई गयीं भ्रामक खबरें- एसडीएम

एसडीएम सदर- सत्येंद्र सिंह

उरई: एसडीएम सदर सत्येंद्र सिंह ने यंग भारत को रूबरू हुई एक भेंट में कहा कि जलील मंसूरी के अवैध निर्माण को जिलाधिकारी महोदय के आदेश के अनुसार विधि सम्मत कार्यवाही के तहत तोड़ा गया है।

उन्होंने स्पष्ट किया कि जिस भूमि पर अवैध निर्माण किया गया था। वह सरकारी नाले की भूमि है। सन 1901 के नक्शे से जब मौके का मिलान किया गया। तो पाया गया कि नाला अपनी धारा बदल चुका था। और जो आराजी नाला के गाटा संख्या की है वहां पर वर्तमान में नाला नहीं रह गया था। इस कारण उस नाले की भूमि पर अवैध रूप से निर्माण कर लिया गया था। पुराने नक्शे और दस्तावेजों का लैंड पर मिलान करने के उपरांत नाले की सरकारी भूमि से अवैध निर्माण को हटा दिया गया है। उन्होंने कहा कि मीडिया में प्रचारित यह खबर कि’ डीएम के आदेश से कुछ अधिकारियों के हांथ पैर फूले’ पूरी तरह से निराधार और भ्रामक है। जिलाधिकारी महोदय के आदेश के बिना कोई कार्यवाही नहीं की गई है। सारा प्रकरण उनकी जानकारी में है। अवैध निर्माण के ध्वस्तीकरण और उनके द्वारा कराई गई नापतौल तथा नाले की सरकारी भूमि को मुक्त कराए जाने संबंधी कार्य की सम्पूर्ण रिपोर्ट उनके द्वारा शीघ्र ही जिलाधिकारी महोदय को सौंप दी जाएगी। उन्होंने एक सवाल का जवाब देते हुए कहा कि उक्त प्रकरण में किसी भू- माफिया का कोई सरोकार नहीं है। क्योंकि अतिक्रमण हटाये जाने वाले भूखंड के बगल में जो भूमि है। वह होटल श्री हरि के स्वामी एस.एन. पांडेय के परिवार की है। मेरे द्वारा बिना किसी लालच अथवा द्वेष भाव के अवैध अतिक्रमण को हटाए जाने की कार्यवाही की गई है।

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