दुबई में फंसे 17 राजस्थानी:अच्छी सैलरी पर जॉब दिलाने व खाना-रहना फ्री देने का लालच देकर 1-1 लाख वसूले, नहीं मिली नौकरी

यंग भारत ब्यूरो
मोटी कमाई के झांसे में आबूधाबी (दुबई) गए राजस्थान के 17 युवक वहीं फंस गए हैं। अच्छी सैलरी पर जॉब दिलाने, रहना-खाना फ्री बताकर युवाओं को राजस्थान के विभिन्न इलाकों से ले जाया गया। इसके बदले एक-एक लाख रुपए की रकम भी ली गई। 21 दिन बीत गए, फिर भी वहां उनको नौकरी नहीं मिली। दिवाली के दिन भी ये युवा अपने घर नहीं पहुंच पाए। इन युवाओं ने पीड़ा बताई। उन्होंने किसी भी तरह दुबई से राजस्थान बुलाने की गुहार लगाई है।
अच्छी नौकरी दिलाने का वादा किया
आबूधाबी स्थित 13 नंबर सनेया के एक कमरे में ठहरे हुए पीड़ित शमशुद्दीन ने बताया कि वह सीकर जिले में नीमकाथाना का रहने वाला है। दुबई में जॉब करने के लिए अक्टूबर में उसकी मुलाकात सीकर में एक फर्म के एजेंट शमशाद से हुई थी। शमशाद ने 10 दिनों में दुबई भिजवाने, वहां रीवायर कंपनी में वाटर हेल्पर की जॉब दिलवाने का वादा किया था। शमशाद ने कहा था कि कंपनी उनको फ्री खाना और ठहरने की जगह देगी। इसके अलावा 24 हजार रुपए प्रतिमाह के हिसाब से वेतन मिलेगा। इसके एवज में प्रति व्यक्ति 1 लाख रुपए की डिमांड की।
एजेंट को चार लाख रुपए दिए
आरोप है कि 16-17 अक्टूबर को सीकर से रवाना होते वक्त नीमकाथाना निवासी शमशुद्दीन, सदीक, सलीम व शाहरुख ने एजेंट शमशाद के साथी एजेंट मुराद अली को एक-एक लाख रुपए के हिसाब से चार लाख रुपए दिए। एजेंट ने उनको विजिटर वीजा, टिकट व पासपोर्ट दे दिया। वे दिल्ली में फ्लाइट से आबूधाबी पहुंचे। वहां लोकल एजेंट इनको कंपनी के ऑफिस में लेकर गया।
पढ़ा लिखा होने की बात छिपाई
शमशुद्दीन व अन्य ने बताया कि एजेंट ने यह बात छिपाकर रखी थी कि कंपनी को अंग्रेजी भाषा बोलने वाले और पढ़े-लिखे लोग चाहिए। राजस्थान के अलग-अलग जिलों से आबूधाबी पहुंचे युवा एक कंपनी में इंटरव्यू देने पहुंचे। अंग्रेजी भाषा किसी को नहीं आती थी। कंपनी ने सबको रिजेक्ट कर दिया। इसके बाद न खाना मिला है, न ही ठहरने के लिए जगह।
30 दिनों का है विजिट वीजा
झुंझुनूं के रहने वाले द्वारका प्रसाद और नेमीचंद ने बताया कि वे भी सीकर निवासी एजेंट खालिद से संपर्क कर दुबई गए थे। उनका विजिटर वीजा 30 दिन का है। दुबई में रहते हुए 21 दिन बीत चुके हैं। वीजा खत्म होने में 9 दिन बचे हैं। राजस्थान से गए सभी 17 लोग लगातार अपने एजेंट से फोन पर बातचीत कर उनको जॉब दिलवाने या फिर राजस्थान बुलाने की गुहार कर रहे हैं। आरोप है कि एजेंट फोन पर गाली-गलौज करता है। एक-दो दिन में नौकरी मुहैया कराने की बात कहकर टालमटोल कर रहा है। उसकी ओर से किसी तरह की मदद नहीं मिल रही है। विजिटर वीजा की अवधि खत्म होने के बाद यहां जुर्माना लगेगा।
इन इलाकों के युवा फंसे
शमशुद्दीन खान – नीमका थाना, सीकर
सदीक खान – नीमकाथाना, सीकर
सलीम खान, नीमकाथाना, सीकर
शाहरुख – नीमकाथाना, सीकर
जावेद – झुंझुनूं
माहिर – झुंझुनूं
तौफीक – झुंझुनूं
राशिद – झुंझुनू​​​​
उस्मान – झुंझुनूं
द्वारका प्रसाद – चिराना, झुंझुनूं
नेमीचंद – उदयपुरवाटी, झुंझुनूं
रूपाराम – तहसील छोटी बेरी गांव, नागौर​​​​​​​
नरसीराम – तहसील छोटी बेरी गांव, नागौर​​​​​​​​​​​​​​
सलीम खटक – ब्यावर
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