नमामि गंगे योजना की धीमी रफ्तार पर ग्रामीणों ने उठाये सवाल

महीनों से अनेकों गांवों में बंद पड़ा कार्य

विकासखंड की 62 में से 52 ग्राम पंचायतें योजना में शामिल

जालौन (उरई)। ग्रामीण क्षेत्रों में नल के माध्यम से घर घर पानी पहुंचाने की नमांमि गंगे परियोजना धीमी पड़ती नजर आ रही है। बोरिंग होने के बाद महीनों से गांवों में काम बंद पड़ा है। काम बंद होने के परियोजना का समय से पूर्ण होने पर संसय पैदा हो रहा है। हर घर को स्वच्छ जल को नल के माध्यम से पहुंचाने के लिए नमांमि गंगे परियोजना की शुरूआत की गयी थी। विकास खंड की 62 ग्राम पंचायतों में से 52 ग्राम पंचायत को इस योजना में सम्मिलित किया गया था। जुलाई में इस योजना की शुरुआत हो गयी थी तथा शुरू में 8 ग्राम पंचायतों में तेजी से काम शुरू किया गया था। जल निगम ने काम की शुरूआत करते हुए जुलाई में बोरिंग करा दी थी। ग्राम पंचायत अकोढ़ी दुबे, कुठौंदा बुजुर्ग, प्रतापपुरा, सहाव, जगनेवा, कुदरा, कुदारी में काम शुरू हुआ था। कार्य प्रगति की समीक्षा को लेकर विशेष सचिव नमांमि गंगे अच्छे लाल यादव ने अकोढ़ी दुबे का निरीक्षण कर काम समय से पूरा करने के निर्देश दिए थे। सचिव के जाने के बाद से काम बंद पड़ा है। 3 माह से ज्यादा समय से काम बंद होने के कारण परियोजना का समय से पूर्ण होने पर संसय के बादल मंडरा रहे हैं तथा चुनाव से पूर्व होना मुश्किल लग रहा है। परियोजना के समय से पूर्ण न होने के कारण 2022 की गर्मी में ग्रामीण क्षेत्रों में नल के माध्यम से पानी की आपूर्ति नहीं हो पायेगी।

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