नेत्रहीन समाजसेवी बुजुर्ग ने पीएम केयर्स में दिए तीन लाख नब्बे हजार रुपए

दिल्ली। प्रसिद्ध समाजसेवी एवं 75 साल के नेत्रहीन जय किशन अग्रवाल पूरे जोश खरोश के साथ आज भी सेवाकार्य में जुटे हुए हैं। उन्होंने अपना सेवाकार्य कोरोना महामारी के दौरान भी जारी रखा। कोरोना महामारी का लाकडाउन हटने के बाद कोरोना पीड़ित गरीबों के उपचार के लिए उन्हांेने प्रधानमंत्री सहायता कोश में देने के लिए लोगों के घर घर जाकर चंदा इकट्ठा करना शुरु किया। कोरोना महामारी में गरीबों के उपचार के लिए नेत्रहीन बुजुर्ग जय किशन अग्रवाल ने तीन लाख नब्बे हजार रुपए इकट्ठा किए और कल इसका चैक बनवाकर पीएम केयर्स फण्ड के प्रभारी प्रदीप कुमार सौंप दिया।
नेत्रहीन समाजसेवी जय किशन अग्रवाल पुरानी दिल्ली के चांदनी चैक में दरीबाकलां के कूचा बुलाकी बेगम के निवासी हैं। देश और प्रदेश में होने वाली आपदाओं में हर समय बढ़चढ़कर अपना योगदान देते रहते हैं। इन्होंने गुजरात 2001 में प्रधानमंत्री राहत कोश में 10,01,656 रुपए, तमिलनाडु 2005 में 50,023 रुपए, 2013 में उत्तराखण्ड को 3,57,500 रुपए, 2014 में 4,37,003 रुपए जम्मू कष्मीर आपदा में दान किए। वे अग्रवाल समाज की कई संस्थाओं के साथ जुड़कर सेवा का काम करते रहे हैं। वे क्षेत्रीय रेलयात्री सलाहकार समिति के भी सदस्य हैं। उन्होंने वर्षों तक राष्ट्रीय नेत्रहीन संगठन के लिए भी बहुत काम किया है।
श्री अग्रवाल के पुत्र राजीव अग्रवाल ने बताया कि उनके पिता 1978 से पूरी तरह अंधे हैं। तब रेटिना में बड़ी खराबी आ जाने के कारण उनकी रोषनी चली गई थी। लेकिन वे इस सब के बावजूद वे दूने उत्साह के साथ समाजसेवा का काम करते जा रहे हैं। उन्हें सामाजिक कार्य के लिए पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी, पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित द्वारा सम्मानित किया जा चुका है। उन्हें सामाजिक संस्थाओं के अलावा सरकारी संगठनों द्वारा भी सम्मानित किया जा चुका है।

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