पुराना अपराधी मामा देशराज है घटना का मास्टरमाइंड, महिला आरक्षी के पति की हत्या पर यंग भारत विशेष

बाएं ऊपर प्रेम सिंह, बीच मे हांथ में खून लगा वाला मामा देशराज, दाएं ऊपर भाई अंकित और विलाप करती रिंकी राजपूत।
आरक्षी बेटी ने लिखाई पिता, भाई और मामा के खिलाफ पति की नृषंस हत्या की रिपोर्ट
रिंकी राजपूत और मनीष राजपूत (अब मृतक) पढ़ते थे एक साथ
दोनों में प्रेम हुआ, डेढ़ वर्ष पूर्व गांव में ही किया था प्रेम विवाह
शादी से नाराज पिता, भाई तथा मामा कोई नहीं पहुंचे थे शादी में
ममा देशराज ने बनाई खूनी रणनीति
5 दिन पूर्व भाई अंकित राजपूत को रिंकी और मनीष के घर रैकी को भेजा
खुशी के मारे रिंकी ने छोटे भाई अंकित को विदाई में दिए थे चार हजार रुपए
अनिल शर्मा़+संजय श्रीवास्तव़+डा0 राकेश द्विवेदी
उरई। रिंकी राजपूत जो उरई में महिला आरक्षी के पद पर तैनात है ने अपने बचपन के साथी सजातीय मनीष राजपूत से प्रेम विवाह किया था। उसके पिता, भाई और मामा ने योजना बनाकर गुरुवार देर शाम उसके पति मनीष की चाकुओं से गोदकर नृषंस हत्या कर दी थी। इस नृषंस हत्या के पीछे रिंकी के सगे मामा देशराज राजपूत जो आपराधिक मामलों में जेल भी जा चुका है, ने हत्या की साजिश रची। हत्या को ठीक तरह से अंजाम देने के लिए उसने रिंकी राजपूत के छोटे भाई अंकित राजपूत को रिंकी का घर देखने के लिए और सिचुएशन समझने के लिए रैकी करने को पांच दिन पहले गांव से उरई भेजा था।

रिंकी को क्या पता था कि प्रेम विवाह की वजह से घरवालों के भीतर धधक रही ज्वाला उसका सुहाग ही उजाड़ देगी। छह माह के बेटे शिवा के सिर से पिता का साया ही उठा देगी। अपने सुहाग के प्रति वफादारी निभाते हुए रिंकी राजपूत ने कोतवाली में अपने पिता प्रेम सिंह राजपूत, भाई अंकित राजपूत, अपने मामा देशराज राजपूत के खिलाफ प्रार्थना पत्र देकर कल देर रात मनीष राजपूत की नृषंस हत्या की रिपोर्ट दर्ज कराई। पुलिस ने तीनों हत्या अभियुक्तेां के विरुद्ध हत्या का मुकदमा दर्ज कर लिया। रिंकी राजपूत ने अपने प्रार्थना पत्र में बताया है कि वह ग्राम गौसपुर, थाना कल्याणपुर जिला फतेहपुर की निवासी है। वह अभियोजन कार्यालय उरई में महिला आरक्षी के पद पर तैनात है। 27 अगस्त की शाम वह जब अवकाश पर थी, तो वह अपने पति मनीष राजपूत तथा पुत्र शिवा के साथ रह रही है। वह तथा मनीष राजपूत जो सजातीय हैं वे बचपन से साथ साथ ग्राम गौसपुर में पढ़ते थे। जैसे जैसे बड़े हुए उनके बीच में प्रेम पनपने लगा और डेढ़ साल पहले प्रेम विवाह कर लिया।
सजातीय होने के बावजूद पिता, मामा व भाई उसकी शादी में शरीक नहीं हुए थे। कल 27 अगस्त की शाम 7 बजे पिता प्रेम सिंह राजपूत पुत्र छोटे लाल, भाई अंकित राजपूत पुत्र प्रेम सिंह राजपूत निवासी गौसपुर थाना कल्याणपुर जिला फतेहपुर, मामा देशराज सिंह राजपूत निवासी ग्राम सुखपुर जिला फतेहपुर अचानक घर में आगए। मोहल्ले में चर्चा है कि उन्होंने दामाद मनीष के साथ जमकर शराब पी। दामाद मनीष को ज्यादा पिला दी। रिंकी राजपूत ने बताया कि अचानक मामा देशराज राजपूत ने अचानक पति मनीष राजपूत को पीछे से पकड़ लिया तथा पिता और भाई ने चाकुओं से ताबड़तोड़ मेरे पति के गले और सीने में वार करना शुरू कर दिया। मैं अपने बच्चे शिवा को लेकर दौड़ी तो वो छिटकर जमीन में गिरकर रोने लगा। इसके बाद मैं अपने पति को बचाने के लिए पिता और भाई से भिड़ गई। इन लोगों ने मुझे जमीन में गिरा दिया जिससे मेरे हाथों में चोेट आ गई। इन लोगों ने मिलकर मेरी आंखों के सामने ही मेरे पति मनीष की चाकुओं से गोदकर नृषंस हत्या कर दी।
हमने प्रेम विवाह किया था। हमारा 6 माह का बेटा भी है। इसी कारण हम डेढ़ साल तक गांव नहीं गए। जब पहले भाई आया तो हमने सोचा कि घर वालों का गुस्सा शांत हो गया है। वे नाती देखने आए हैं, लेकिन पता नहीं मेरे प्रेम विवाह को लेकर पिता भाई और मामा के दिल में नफरत की ज्वाला जल रही थी। जिसे हम लोग समझ नहीं पाए। मेरे पिता भाई और मामा एक सोची समझी साजिश के तहत ही मेरे घर आए थे। मेरा सुहाग उजाड़ दिया और मेरे मासूम बेटे के सिर से पिता का साया भी छीन लिया। इसके बाद मेरे चीखने और शोर मचाने पर मोहल्ले वाले आ गए और इन तीनों हत्यारों को तब तक रोके रहे, जब तक पुलिस फोर्स, कोतवाल और पुलिस अधीक्षक नहीं आ गए। इसके बाद पुलिस ने तीनों अभियुक्तों केा गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने हत्या में प्रयुक्त दो चाकू बरामद कर लिए तथा अभियुक्तों के विरुद्ध आइपीसी की धारा 302 तथा 34 के तहत मुकदमा दर्ज कर उन्हें पूछताछ के लिए लाकप में बन्द कर दिया। आज मृतक मनीष राजपूत के शव को पोस्टपार्टम के लिए भेज दिया गया।
अपराधी मामा ने पिता और भाई के साथ मेरे पिता की हत्या की रची थी साजिश
महिला आरक्षी रिंकी राजपूत ने बताया कि उसका मामा देशराज राजपूत आपराधिक किस्म का व्यक्ति है वह कई मामलों में जेल भी जा चुका है। उसे पूरा यकीन है कि हत्या के लिए यह सुनियोजित साजिश उस के पिता प्रेम सिंह और भाई अंकित राजपूत के साथ मिलकर मामा देशराज ने बनाई है। यह बताते हुए रिंकी राजपूत रोने लगती है और कहती है कि सजातीय प्रेम विवाह के बाद भी उनके परिवारवालों के दिलों में नफरत की ऐसी ज्वाला धधकरही होगी इसका उसे अंदाज ही नहीं था। जिस तरह से मेरे पति की हत्या के लिए इन तीनों ने पहले मेरे पति को शराब पिलाई उसके बाद मामा देशराज ने मेरे पति की बाहें पीछे से पकड़ लीं।
जिस तरह से पिता प्रेम सिंह और भाई अंकित ताबड़तोड़ तरीके से मनीष के शरीर पर चाकुओं से वार करते रहे। इसमें वार करते समय अंकित का चाकू टूट भी गया। जिस तरह से वह मनीष पर जानी दुष्मन की तरह हमला कर रहे थे। उसे देखकर यह लगता है कि उनके मन में न बेटी के लिए, न नाती के लिए और न दामाद के लिए कोई प्रेम ही नहीं था। सिर्फ नफरत ही नफरत थी। उनकी आंखों में हैवानियत थी और वे जिस तरह से चाकू चलाकर मेरे पति को लहू लुहान करते जा रहे थे। उससे साफ था कि वे हमारे सुखी परिवार को तबाह करने ही आए थे। उन्होंने सिर्फ 15-20 मिनट के भीतर हमारे खुशियों से भरे परिवार को उजाड़कर रख दिया।
घर वालों ने भाई को रैकी के लिए भेजा था
रिंकी राजपूत ने बताया हम लेाग शादी के बाद से अपने गांव गौसपुर नहीं गए थे। छह माह पहले शिवा शादी की सौगात बनकर आ गया था। हम लोग खुश और मस्त थे। मनीष एलएलबी के साथ साथ सब इंस्पेक्टर की परीक्षा के लिए तैयारी कर रहे थे। हमारे घर में चारों तरफ खुशियां ही खुशियां थीं। पांच दिन पहले 23 अगस्त को मेरे छोटे भाई अंकित राजपूत का फोन आया। वह बोला मैं तुम से मिलने आया हूं, तुम्हारा घर किस मोहल्ले में है।
मैेने मोबाइल पर उसे घर की लोकेशन बताई। वह पूछते पूछते हमारे घर आ गया। हम सब उसे देखकर खुश हो गए कि शादी के बाद से पहली बार कोई अपना घर आया था। हमें लगा कि बेटे शिवा के आने के बाद घरवाले सब मान जाएंगे। मैं और मेरे पति मनीष अंकित के आने से बहुत खुश थे। घर में अच्छा पकवान बनाया, भाई को खिलाया। अंकित भी शिवा से काफी देर खेलता रहा। जब अंकित गांव के लिए चलने लगा तो बड़ी बहन के नाते अंकित को जेब खर्च के लिए 4000 रुपए भी दिए थे। हमें क्या पता था कि अंकित घरवालों की हत्या की साजिश केा पुख्ता करने के लिए हमारे घर की रैकी करने आया था।
संजय श्रीवास्तव-प्रधानसम्पादक एवम स्वत्वाधिकारी, अनिल शर्मा- निदेशक, डॉ. राकेश द्विवेदी- सम्पादक, शिवम श्रीवास्तव- जी.एम.
सुझाव एवम शिकायत- प्रधानसम्पादक 9415055318(W), 8887963126