प्रधानों के रिश्तेदार नहीं रह पाएंगे बीएलओ

पंचायत चुनाव के लिए मतदाता सूची पुनरीक्षण अभियान एक अक्टूबर से शुरू होगा इसके लिए बीएलओ बनाने का काम पहले ही पूरा कर लिया गया था। अब यह भी तय किया जा रहा है कि प्रधानों के रिश्तेदार बीएलओ नहीं रहेगे। यदि कही प्रधानों के रिश्तेदार बीएलओ बन गए हैं तो उन्हे हटा दिया जाएगा और वहां दूसरे बीएलओ की नियुक्ति कर दी जाएगी।

मतदाता सूची पुनरीक्षण का कार्यक्रम घोषित कर दिए जाने के बाद से पंचायत चुनाव की गतिविधियों ने जोर पकड़ लिया है। शुरुआती दौर में ही ऐसी शिकायतें मिलीं थी कि कुछ स्थानों पर प्रधानों के रिश्तेदार बीएलओ बन गए हैं जिसके कारण मतदाता सूची पुनरीक्षण का कार्य प्रभावित हो सकता है। इसे लेकर निर्वाचन विभाग चौकन्ना हो गया। सहायक निर्वाचन अधिकारी उदय नारायण सिंह ने बताया है कि बीएलओ की नियुक्तियां तहसील स्तर से होती है। अब सभी उपजिलाधिकारियों से अनुरोध किया गया है कि बीएलओ की जांच करा ली जाए और यह सुनिश्चित कर लिया जाए कि कही प्रधान का रिश्तेदार बीएलओ न रहे। इससे कामकाज की पारदर्शिता बनी रहेगी।

पूर्व में इस मामले को लेकर कांगे्रस के पूर्व जिलाध्यक्ष उदयभान सिंह यादव ने प्रशासन को पत्र लिखा था कि कुछ स्थानों पर प्रधानों के रिश्तेदार बीएलओ बन गए हैं। इसके बाद कार्रवाई की गई है।पंचायत चुनाव की मतदाता सूची के पुनरीक्षण के लिए जिले में 828 मतदान केन्द्रों पर बीएलओ बनाए गए हैं। यह सभी बीएलओ एक अक्टूबर से पुनरीक्षण का कार्य शुरू कर देंगे। इसकी तैयारी पूरी की जा रही है। इस दौरान नाम घटाने, बढ़ाने और संशोधन का काम चलेगा। इस पर प्रधानों और प्रधानी के दावेदारों की नजर हैं क्योकि चुनाव मे ंएक एक वोट बड़ा उपयोगी होता है।

संजय श्रीवास्तव-प्रधानसम्पादक एवम स्वत्वाधिकारी, अनिल शर्मा- निदेशक, डॉ. राकेश द्विवेदी- सम्पादक, शिवम श्रीवास्तव- जी.एम.

सुझाव एवम शिकायत- प्रधानसम्पादक 9415055318(W), 8887963126