बसपा विधायक ने योगी को लिखा पत्र

लखनऊ: सत्तारूढ़ सरकार के करीबी और सीएम योगी की विधानसभा सत्र में तारीफ़ करने वाले उत्तर प्रदेश के श्रावस्ती से बसपा विधायक असलम राइनी ने पत्र लिखकर अधिकारियों और कर्मचारियों के भ्रष्टाचार की शिकायत की है। विधायक ने सीएम योगी को लिखे पत्र में आरोप लगाया है कि जनहित कार्यों में अधिकारियों और कर्मचारियों के द्वारा रुचि नहीं ली जा रही है। जिले के सीडीओ ऑफिस में 11 महीने से कमीशन के लिए फाइल लटकाए हुए हैं। अधिकारियों की कार्यशैली पर सीधा आरोप लगाते हुए जीरो टॉलरेंस की नीति का मज़ाक बनाया जा रहा और मुझसे भी उगाही के लिए कमीशन मांगा जा रहा है।

कैबिनेट मंत्री से वार्ता होने के बावजूद नहीं ट्रांसफर हुआ पैसा

सीएम योगी को लिखे पत्र में विधायक का कहना है कि प्रदेश में जीरो टॉलरेंस का मजाक बनाया जा रहा है। जब हम लोग भ्रष्टाचार और शोषण का शिकार हो रहे हैं तब आम जनता कार्यालय में आती होगी तब उनके साथ कौन सी मनोदशा हो रही होंगी। विधायक का कहना है कि ग्राम विकास कैबिनेट मंत्री मोती सिंह द्वारा विकास अधिकारी एवं पीडी बाल गोविंद से 4 चार पूर्व वार्ता करने के बाद जो विधायक निधि का ट्रांसफर नहीं हो पाया।

अधिकारियों अपने अधीनस्थों से अनर्गल काम करवाते हैं

बसपा विधायक ने कहा कि यह पहला मामला नहीं है। इससे पहले 2019 में दो करोड़ रुपए ब्लाक हरिहरपुर रानी बाग में इंटरलॉकिंग का जाना था, क्योंकि ब्लॉक वार मुख्यालय से 15 से 25 किलोमीटर की दूरी पर है। तब भी पीडी श्रावस्ती में 11 महीने लगा दिए थे। उसका टेंडर 11 महीने के बाद कराया गया था। इसकी आप उच्च अधिकारियों एवं एसआईटी से जांच करा कर देख जा सकते हैं।

ठीक इसी प्रकार जब से जिले में नए मुख्य विकास अधिकारी आए हैं उनके अधीनस्थ अधिकारी पीडी और इनके नीचे लिपिक नफीस अहमद एसपी सिंह व अन्य कई बाबू 20 सालों से विकास भवन में अपने दो चार लोगों को ड्राइवर के पद पर अन्य पदों पर संविदा पर रखकर मनचाहे अनर्गल काम कराते हैं, जो भी विकास अधिकारी आता है उसे भी भ्रष्टाचार में लिप्त कर लेते हैं।

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