महोबा: बुंदेलखण्ड राज्य निर्माण की मांग को लेकर पिछले लगभग तीन दशक से समाजसेवियों, राजनेताओं ने समय – समय पर आंदोलन किये जाते रहे हैं। लेकिन आजादी के 75 वर्ष बीत जाने के बावजूद बुंदेलखण्ड अलग राज्य निर्माण होना तो दूर यहां के वाशिंदे बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं के लिए भी जद्दोजेहद कर रहे हैं।
लोकसभा चुनाव के दौरान किया था ऐलान 30 अक्टूबर 2014 को लोकसभा आम चुनाव की जनसभा को सम्बोधित किया। भाजपा नेत्री तथा मध्यप्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमाभारती ने कहा कि भाजपा सत्ता में आयी तो 90 दिन के अंदर बुंदेलखण्ड पृथक राज्य का निर्माण किया जायेगा। उमा भारती इस अश्वासन को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा था कि उमा भारती मेरी छोटी बहन हैं। उन्होंने आप सबसे जो वादा किया है कि उसे सत्ता मे आने पर पूरा किया जाएगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की दोबारा सत्ता मे वापसी हो चुकी है परंतु उनके द्वारा किया गया बुंदेलखण्ड प्रथक राज्य निर्माण का वादा आज भी अधर मे लटका हुआ है।
635 दिन किया था अनशन वरिष्ठ समाजसेवी तथा बुंदेली समाज के संयोजक तारा पाटकर ने पृथक बुंदेलखण्ड राज्य निर्माण की मांग को लेकर शहर के आल्हा चैक पर स्थित 635 दिन अनशन किया था। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को तब से अब तक 23 बार खून से खत लिखकर बुंदेलखण्ड प्रथक राज्य की मांग भी कर चुके हैं। बुंदेलखण्ड की बहनों ने पृथक बुंदेलखण्ड राज्य निर्माण की मांग को लेकर प्रत्येक रक्षाबंधन पर 3 लाख से अधिक राखियां भेजी जा चुकी हैं, परंतु प्रधानमंत्री जी बुंदेलखण्ड प्रथक राज्य निर्माण की मांग को लेकर कोई सुनवाई नहीं हुई है।
संजय श्रीवास्तव-प्रधानसम्पादक एवम स्वत्वाधिकारी, अनिल शर्मा- निदेशक, शिवम श्रीवास्तव- जी.एम.