पीएम मोदी ने महोबा मे किया 3240 करोड की जल परियोजनाओ का लोकार्पण
बांदा:प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को बुन्देलखंड के महोबा मे 3240करोड की अर्जुन बांध सहायक परियोजना,भावनी बांध परियोजना,रतौली बांध परियोजना, और मसगांव-चिल्ली स्प्रिंकलर परियोजना का लोकार्पण किया। उन्होने जनसभा को संबोधित करते हुये कहा कि इन परियोजनाओं से महोबा, बांदा, ललितपुर, के लाखों किसानों को लाभ होगा। खेतों के साथ-साथ यहां के 4 लाख से ज्यादा लोगों को पीने का शुद्ध पानी मिलेगा। यहां के लोगों को पीढियों से जिस पानी का इंतजार था, वह समाप्त होने जा रहा है। बुन्देलखंड को अब पानी और पलायन की समस्या से मुक्ति मिलेगी।
उन्होने कहा कि महोबा की ऐतिहासिक धरती पर आकर एक अलग ही अनुभूति होती है। इस समय हम देश की आजादी और राष्ट्र निर्माण मे जनजातिय साथियों के योगदान को समर्पित जनजातीय गौरव सप्ताह मना रहे हैं। भारत मे नई चेतना जगाने वाले गुरु नानकदेव जी का आज प्रकाश पर्व भी है।मै देश और दुनिया के लोगों को गुरु पूरब की शुभ कामनायें देता हूं। आज ही भारत की वीर बेेटी ,बुन्देलखंड की शान,वीरांगना लछ्मीबाई की जयंती भी है। मैं सभी को प्रणाम करता हूं।
सभा को संबोधित करते हुये कहा कि कुछ वर्ष पहले मैने महोबा से ही उज्ज्वला योजना के दूसरे चरण की शुरुआत की थी। महोबा से ही मैने देश की मुस्लिम बहनो से तीन तलाक की कुप्रथा से मुक्त कराने का वादा किया था। ये वादा हमने पूरा किया है। बीते 7 वर्षों मे हम कैसे सरकार को दिल्ली के बंद कमरों से निकालकर देश के कोन-कोने मे लाये हैं! महोबा इसका साछात गवाह है।
पीएम ने कहा कि महोबा समेत यह पूरा छेत्र कभी जल संरछण का उत्तम माडल हुआ करता था। बुन्देलों ,चंदेलों,परिहार, राजाओं के समय के तालाब इसके उदाहरण हैं। बरसों तक यहां की विपुल जल राशि की स्वामिनी अर्जुन सहायक परियोजना जैसी कई योजनायेंअधूरी पडी रही। 2014 के बाद जब मैने देखा तो इन योजनाओं का रिकार्ड मंगवाया। अब यह योजनायें यहां के खेत और लोगों की प्यास बुझायेंगी।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि दिल्ली और यूपी की सरकारों ने इस छेत्र का हमेशा दोहन किया है। माफियाओं ने यहां के संसाधनों का दुरुपयोग किया। अब इन माफियाओं पर बुलडोजर चल रहा है। ये लोग कैसे भी शोर मचा लें! लेकिन काम रुकने वाला नही है।इन लोगो ने जैसा बर्ताव किया है,उसे बुन्देलखंड के लोग भूल नही सकते।
मोदी ने कहा कि मै जिस गुजरात से आता हूं, वहां के जो पहले हालात थे,वो यहां के बुन्देलखंड से अलग नही थे। आज कच्छ के रेगिस्तान तक पानी पहुंच रहा है। जैसी सफलता हमने वहां पाई है,वैसा यहां भी होने जा रहा है।
संजय श्रीवास्तव-प्रधानसम्पादक एवम स्वत्वाधिकारी, अनिल शर्मा- निदेशक, शिवम श्रीवास्तव- जी.एम.