भूस्खलन में मरने वालाों का आंकड़ा हुआ 52, रेस्क्यू जारी

Rescuers work at the site of a mudslide triggered by heavy monsoon rain in Idukki district, in the southern Indian state of Kerala, Friday, Aug. 7, 2020. A mudslide triggered by heavy monsoon rain and flooding killed at least 15 people and buried 20 homes of tea plantation workers in southern India on Friday, police said. (AP Photo)
हादसे में 12 को बचा लिया गया है जबकि कई अभी भी लापता, लापता लोगों में बच्चे भी शामिल
केरल में यह क्षेत्र बारिश औरभूस्खलन के लिए नाजुक माना गया है, यहां फिसलन अधिक होती है
इडुक्की(केरल): पिछले हफ्ते केरल के मुन्नार में हुए भीषण भूस्खलन से 83 टी एस्टेट वर्कर के घर उजड़ गए। 52 के शव अब तक बरामद हो चुके हैं जबकि 12 को बचा लिया गया है। कई अभी भी लापता हैं। इनमें से कई स्कूली बच्चे भी शामिल हैं। यहां अभी भी रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। केरल के सीएम ने भी इस घटना पर दुख जताया है। केरल में यह भूस्खलन क्यों हुआ और यह इलाका इतना नाजुक माना जाता है, इसे समझने की कोशिश करते हैं-6 अगस्त को रात 10 बजकर 45 मिनट पर केरल के पेड्डीमुडी गांव में भूस्खलन हुआ। यह गांव केरल के इडुक्की जिले के मुन्नार गांव पंचायत के राजमाला वार्ड स्थित है। यहां कनन देवन हिल्स प्लांटेशन कंपनी के मजदूर रहते हैं। राजमाला में इराविकुलम नैशनल पार्क स्थित है और नैशनल पार्क के शोला वन क्षेत्र से ही उस दिन भूस्खलन हुआ था।
भूस्खलन के वक्त पहाड़ियों से गिरी चट्टान और कीचड़ की जद में आकर मजदूरों के एक कमरे वाले घर बर्बाद हो गए। केरल भूविज्ञान विभाग के अनुसार, जहां भूस्खलन हुआ, वहां 40 डिग्री तक ढलान है और 20 डिग्री से ज्यादा का ढलान वाले क्षेत्र नाजुक माने जाते हैं जहां बारिश के दौरान काफी फिसलन हो जाती है। यहां की मिट्टी में रेत की मात्रा अधिक होती है, इस वजह से यह पानी ज्यादा सोखता है और फिसलन का खतरा पैदा करता है।
संजय श्रीवास्तव-प्रधानसम्पादक एवम स्वत्वाधिकारी, अनिल शर्मा- निदेशक, डॉ. राकेश द्विवेदी- सम्पादक, शिवम श्रीवास्तव- जी.एम.
सुझाव एवम शिकायत- प्रधानसम्पादक 9415055318(W), 8887963126