उरई की नवीन और पुरानी मंडियों में दो दिन से लगी हैं लोड ट्रकों की कतारें
सुविधा शुल्क दिए बिना नहीं होता गेहूं का भंडारण
सीएम ने बिठाई जांच- पूर्व मंत्री
अनिल शर्मा+संजय श्रीवास्तव+डॉ. राकेश द्विवेदी
उरई: सरकारी एजेंसी क्रय केंद्र प्रभारी एवम कर्मचारियों से उत्तरप्रदेश भंडारण निगम यूनिट एवम एफसीआई उरई डिपो जैसी सरकारी एजेंसी द्वारा क्रय केंद्रों के प्रति ट्रक बोरियों की संख्या के हिसाब से मोटा कमीशन लिया जा रहा है। कई गेहूं क्रय केंद्रों के प्रभारी व कर्मचारियों ने अपना नाम न छापने की शर्त पर द यंग भारत को बताया कि भंडारण प्रभारी को बिना कमीशन दिए उनका माल(गेहूं) गोदाम में रखा ही नहीं जा सकता है। यदि कमीशन देने से मना कर दिया जाता है तो गेहूं की क्वालिटी खराब बताकर ट्रक को अनलोड नहीं किया जाता। जिसके कारण क्रय केंद्र वालों को ट्रक मालिकों को 1000 रुपए प्रति रात के हिसाब से देना पड़ता है। जिसके कारण क्रय केंद्र वाले कमीशन देकर मामला सुल्टा लेते हैं।
भाजपा के वरिष्ठ नेता एवम पूर्व राज्य मंत्री हरिओम उपाध्याय ने द यंग भारत को बताया बीती 03/06/2020 को लखनऊ में मुख्यमंत्री के कार्यालय में जाकर यह शिकायती ज्ञापन दिया है कि जिले में गेहूं भंडारण के नाम पर सरकारी क्रय केंद्रों से सरकारी भंडारण एजेंसी उत्तरप्रदेश राज्य भंडारण निगम मंडी यूनिट तथा भारतीय खाद्य निगम उरई डिपो के प्रभारियों द्वारा अवैध वसूली की जा रही है। यानी सरकारी क्रय केंद्रों से ही सरकारी भंडारण एजेंसी कमीशन ले रही है। दस चक्का ट्रक जिसमे 200 क्विन्टल माल आता है। उसका कमीशन 1500 रुपए लिया जाता है। जबकि चौदह चक्का ट्रक जिसमे 300 क्विन्टल माल आता है। जिसका कमीशन 2000 रुपए देने होते हैं। द यंग भारत की टीम कल अपराह्न 2 बजे विशिष्ट गल्ला मंडी कालपी रोड पहुंची तो वहां धर्म कांटा पर क्रय केंद्रों से आये गेहूं की बोरियों से भरे ट्रकों की लाइन लगी थी। कोटरा के क्रय केंद्र से आये ट्रक नंबर UP-78 AT 8166 के ड्राइवर रामप्रताप ने बताया कि वो शनिवार की शाम 4 बजे आ गया था। और पिछले दो दीनों से इंतज़ार में खड़ा है। इसी तरह त्रिवेणी रोड लाइन्स के ट्रक नम्बर UP-92 T 9291 के ट्रक चालक रोहित ने बताया कि वो 200 क्विन्टल गेहूं लेकर शनिवार की शाम से यहां खड़ा है। इसी तरह ट्रक चालक सत्तार ने बताया की वह अपने ट्रक UP-92 T 6827 जिसमे 200 क्विन्टल गेहूं है। वो भी शनिवार से खड़ा है। वहीं ट्रक ड्राइवर अकील ने बताया कि वह अपना ट्रक नंबर UP-74 B 9095 जो त्रिवेणी रोड लाइन्स का है। जिसमे 200 क्विन्टल गेहूं है शनिवार की दोपहर से खड़ा है और अभी तक तुला नहीं है। ट्रक ड्राइवर सुरेश ने बताया कि उसका ट्रक नंबर UP-93 BT 5077। जिसमे 300 क्विन्टल गेहूं लदा है। वह दो दिन से खड़ा है। इसका क्रय केंद्र वालों को 2 नाईट अलग से भाड़ा देना होगा। इसी तरह वहां गेहूं से लदे तमाम ट्रक खड़े हुए थे। इसके बाद द यंग भारत ने फोन से उत्तरप्रदेश राज्य भंडारण निगम मंडी यूनिट के प्रभारी इंद्रेश दीक्षित से पूछा कि पूर्व मंत्री हरिओम उपाध्याय का आरोप है कि प्रति ट्रक से 1500 से 2000 रुपए तक ट्रकों से गेहूं के बोरों के भंडारण के लिए अग्रिम कमीशन लिया जा रहा है। इसी तरह भारतीय खाद्य निगम उरई डिपो के प्रभारी संतोष राजपूत से फोन पर जब इस आरोप के बारे ने पूछा गया तो श्री दीक्षित और श्री राजपूत ने कहा है कि ये आरोप बे बुनियाद हैं। किसी क्रय केंद्र वालों से कोई पैसा गेहूं की बोरियों के भंडारण के लिए नहीं लिया जाता है। इन जवाबों के बाद द यंग भारत ने भाजपा के वरिष्ठ नेता तथा पूर्व मंत्री हरिओम उपाध्याय से जब पूछा तो उन्होंने बताया कि उनके पास आज ही 09/06/2020 को मुख्यमंत्री कार्यालय से ये सूचना आयी है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस कमीशन खोरी की शिकायत को बहुत गंभीरता से लेते हुए जांच के आदेश दे दिए हैं।
संजय श्रीवास्तव-प्रधानसम्पादक एवम स्वत्वाधिकारी, अनिल शर्मा- निदेशक, डॉ. राकेश द्विवेदी- सम्पादक, शिवम श्रीवास्तव- जी.एम.