मुरादाबाद। जिला अस्पताल में एक अनोखी घटना सामने आई। हादसे के बाद इलाज के लिए पहुंचे एक मरीज को चिकित्सक ने मृत घोषित कर दिया। इतना ही नहीं उसे मोर्चरी में भी भिजवा दिया। यहां पत्नी ने रोते-रोते जब पति के सीने पर हाथ रखा तो उसे धड़कन चलने का अहसास हुआ। इस दौरान पंचनामा के लिए चौकी इंचार्ज भी पहुंचे थे। उन्हें भी मरीज के जिंदा होने का पूरी तरह आभास हो गया। फिर क्या था स्वजन ने लापरवाही का आरोप लगाते हुए हंगामा करना शुरू कर दिया। पुलिस इस पूरे मामले की जांच कर रही है। घटना में चिकित्सक की बड़ी लापरवाही सामने आई है। फिलहाल फिर से युवक का इलाज शुरू कर दिया गया है।
सम्भल हजरत नगर गढ़ी गांव कोटा का रहने वाला 45 वर्षीय श्रीकेश मुरादाबाद नगर निगम के लाइट विभाग में काम करता है। गुरुवार की शाम दूध लेने के लिए वह घर से निकला था। रास्ते मे बाइक की टक्कर लगने में वह घायल हो गया। परिवार के लोग उसे इलाज के लिए दिल्ली रोड स्थित साईं अस्पताल ले गए। वहां से उसे रेफर कर दिया गया। इसके बाद एक और निजी अस्पताल से भी रेफर कर दिया गया। रात 3:30 बजे मरीज को जिला अस्पताल की इमरजेंसी में ले जाया गया।
आरोप है कि यहां इमरजेंसी मेडिकल ऑफिसर डॉ मनोज यादव ने बिना हाथ लगाए ही युवक को मृत घोषित करते हुए मोर्चरी में रखवा दिया। सुबह मंडी समिति चौकी इंचार्ज अवधेश कुमार पंचनामा करने के लिए पहुंचे तो पत्नी दीक्षा विलाप करने लगी। उसने रोते हुए पति के सीने पर हाथ रखा तो उसे धड़कन का चलना महसूस हुआ। इसके बाद चौकी इंचार्ज ने चेक किया तो बात सही निकली। इस पर स्वजन ने हंगामा कर दिया। मोर्चरी से आनन फानन में इमरजेंसी लाया गया। इसके बाद उपचार शुरू किया गया है।
संजय श्रीवास्तव-प्रधानसम्पादक एवम स्वत्वाधिकारी, अनिल शर्मा- निदेशक, शिवम श्रीवास्तव- जी.एम.