युवाओं में हुक्का का क्रेज दे रहा कैंसर को दावत

कानपुर: युवाओं में बढ़ता हुक्का पीने का क्रेज कैंसर को दावत दे रहा है। हुक्का फ्लेवर्ड है, एल्कोहल नहीं है आदि बातें सिर्फ तसल्ली देने वाली हैं। हकीकत में यह नुकसानदायक है। यह बात कैंसर सर्जन डॉ. अरुण प्रकाश द्विवेदी ने कही। विवि के कुलपति प्रो. विनय कुमार पाठक ने कहा कि नई तकनीक बीमारियों में भी कारगर साबित हो रही है। आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस की मदद से कैंसर को भी प्रारंभिक स्टेज में डिटेक्ट करना आसान होगा।
छत्रपति शाहूजी महाराज विवि के हेल्थ साइंसेज विभाग में रविवार को राष्ट्रीय कैंसर जागरूकता दिवस पर एक कार्यक्रम हुआ। शुभारंभ विवि के कुलपति प्रो. विनय कुमार पाठक, जेके कैंसर संस्थान के पूर्व निदेशक डॉ. एमपी मिश्रा, कैंसर सर्जन डॉ. अरुण प्रकाश द्विवेदी, ओरल सर्जन डॉ. प्रणव ठाकुर और डॉ. प्रवीन कटियार ने किया। डॉ. एमपी मिश्रा ने बताया कि शरीर में दर्द, घाव का न भरना, लगातार खून का रिसाव, यूरिन से खून आना, वजन का कम होना, खाना निगलने में समस्या आदि कैंसर के लक्षण हैं।
सेल्फ एग्जामिनेशन कर पता लगा सकते
डॉ. अरुण प्रकाश द्विवेदी के मुताबिक, ब्रेस्ट का सेल्फ एग्जामिनेशन कर कैंसर का अंदाजा लगा सकते हैं। तंबाकू पदार्थों का सेवन रोकना जरूरी है। डॉ. प्रणव ठाकुर ने कहा कि चेहरा न बिगाड़ें। तंबाकू में पाए जाने वाला नाइट्रोसो-एन निकोटीन नामक कार्सिनोजेन में कैंसर सेल पनपने देने की क्षमता होती है। इसलिए कैंसर होने से पहले इन आदतों को छोड़ना समझदारी है। कार्यक्रम में छात्रा इयांशी, डॉ. आरएन कटियार समेत कई लोगों ने सवाल भी पूछे। संचालन स्कूल के निदेशक डॉ. प्रवीन कटियार ने किया। इस मौके पर डॉ. सौमित्र महेंद्र, डॉ. दिग्विजय शर्मा, डॉ. वर्षा प्रसाद, हिना, आकांक्षा बाजपेई, डॉ. प्रवीन भाई पटेल, डॉ. विवेक सचान आदि रहे।
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