यूपी में सम्पत्ति क्षति वसूली के लिए दो ट्रिब्यूनल के गठन को मंजूरी, इनके फैसले के खिलाफ नहीं हो सकेगी अपील

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के खिलाफ आंदोलन के दौरान हिंसा फैलाने के आरोपितों से संपत्ति को हुए नुकसान की भरपाई के मामले में एक और बड़ा कदम उठा दिया है। सोमवार को उन्होंने लखनऊ और मेरठ में दावा अभिकरणों (ट्रिब्यूनल) के गठन को मंजूरी दे दी।
गौरतलब है कि इस साल मार्च में ही उत्तर प्रदेश लोक तथा निजी सम्पत्ति क्षति वसूली नियमावली 2020 पास की थी। इसी के प्राविधान के अनुसार अब लखनऊ और मेरठ में सम्पत्ति क्षति दावा अधिकरण का गठन किए जाने की स्वीकृति प्रदान की गई है। ये अभिकरण । राजनीतिक जुलूसों, विरोध प्रदर्शनों, आंदोलनों के दौरान सार्वजनिक और निजी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने वालों से क्षतिपूर्ति वसूलने के लिए सुनवाई करेंगे।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के खिलाफ आंदोलन के दौरान हिंसा फैलाने के आरोपितों से संपत्ति को हुए नुकसान की भरपाई के मामले में एक और बड़ा कदम उठा दिया है। सोमवार को उन्होंने लखनऊ और मेरठ में दावा अभिकरणों (ट्रिब्यूनल) के गठन को मंजूरी दे दी।
गौरतलब है कि इस साल मार्च में ही उत्तर प्रदेश लोक तथा निजी सम्पत्ति क्षति वसूली नियमावली 2020 पास की थी। इसी के प्राविधान के अनुसार अब लखनऊ और मेरठ में सम्पत्ति क्षति दावा अधिकरण का गठन किए जाने की स्वीकृति प्रदान की गई है। ये अभिकरण । राजनीतिक जुलूसों, विरोध प्रदर्शनों, आंदोलनों के दौरान सार्वजनिक और निजी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने वालों से क्षतिपूर्ति वसूलने के लिए सुनवाई करेंगे।
इन्हें सिविल न्यायालय की सभी शक्तियां प्राप्त होंगी। इनका फैसला अंतिम होगा और उसके खिलाफ किसी न्यायालय में अपील नहीं की जा सकेगी। क्षतिपूर्ति पाने के लिए संपत्ति को नुकसान पहुंचाने की घटना के तीन माह के अंदर दावा अधिकरण के समक्ष आवेदन करना होगा। आवेदन में 30 दिन के विलंब को अधिकरण माफ कर सकता है, यदि आवेदक इसकी वाजिब वजह बताता है। ‘उत्तर प्रदेश लोक तथा निजी सम्पत्ति क्षति वसूली अध्यादेश 2020’ अध्यादेश, राज्यपाल आनंदीबेन पटेल की मंजूरी के बाद सरकारी गजट में अधिसूचित हो गया था।
सोमवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के अधिकारी ट्विटर हैंडल पर इसकी जानकारी दी गई। लखनऊ मंडल के दावा अभिकरण के कार्यक्षेत्र के तहत झांसी, कानपुर, चित्रकूट धाम, लखनऊ, अयोध्या, देवी पाटन, प्रयागराज, आजमगढ़, वाराणसी, गोरखपुर, बस्ती और विन्ध्याचल धाम मंडल की दावा याचिकाएं स्वीकार की जाएंगी जबकि मेरठ मंडल के दावा अभिकरण के कार्यक्षेत्र के तहत सहारनपुर, मेरठ, अलीगढ़, मुरादाबाद, बरेली और आगरा मंडल की दावा याचिकाओं पर विचार किया जाएगा।
संजय श्रीवास्तव-प्रधानसम्पादक एवम स्वत्वाधिकारी, अनिल शर्मा- निदेशक, डॉ. राकेश द्विवेदी- सम्पादक, शिवम श्रीवास्तव- जी.एम.
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