रात जब कूटिनीतिक हुई तो टॉपर निशु को प्रभातकाल से करनी पड़ी दोस्ती

हाई स्कूल में पिछड़ी तो इण्टर में सबसे आगे रहने की कर ली थी जिद

समाज में घटते संस्कारों से चिंतित, मर्यादाओं में रहना पसंद

अनिल शर्मा+ संजय श्रीवास्तव +डॉ. राकेश द्विवेदी

जिद वही अच्छी जो भविष्य बनाये और समाज को प्रेरणा से भर दे। कुछ ऐसी ही ख्वाबों भरी जिद निशु राघव ने भी की थी जो अब पूरे परिवार की जय- जयकार करा रही है। 98 प्रतिशत नम्बर लाना कोई हंसी का खेल नहीं पर इस विद्यार्थी ने यह खेल ‘खेल’ डाला। हाँ , यह सम्भव तभी हुआ जब उसने नींद वाला नहीं अपितु जागने वाला सपना देखती रही।
नया रामनगर का वह घर जहाँ पहले किसी की नजर नहीं ठिठकती थी पर आज हर किसी के कदम वहाँ से गुजरते वक्त थोड़ा ठहरते जरूर हैं। ऐसा इसलिये, क्योंकि इसी घर में निशु राघव रहती है जो इंटर (सीबीएससी बोर्ड) की परीक्षा में पूरे 98 प्रतिशत नंबरों के साथ उत्तीर्ण हुई है। 95 तक तो ठीक हैं पर 98 प्रतिशत आश्चर्य भरता है। इतने प्रतिशत पर उन नकारा विद्यार्थियों की तो नजर तक न ठहर पा रही होगी जो पढ़ने के नाम पर अपने माँ- बाप के साथ धोखा करते हैं !
अत्यंत विनम्र निशु खुद के प्रति निष्ठुर बन गई थी। हाई स्कूल में जब वह जिले में दूसरे स्थान पर रही तो उसे ये गवारा न हुआ। तब भी उसने पहले स्थान पर रहने की ही ठानी थी। अवसर फिसला तो उसी दिन उसने प्रण किया कि अब पहले नंबर पर आकर ही दिखलाऊँगी! इसके बाद उसी दिशा में प्राणपण से जुट गई। अपनी प्रतिज्ञा को सिर्फ अपनी माँ प्रतीक्षा से साझा किया। पिता मनोज कुमार सिंह को भी यह बात पता नहीं थी कि उसकी बेटी ने इस तरह का कोई कठिन लक्ष्य निश्चित किया है। लक्ष्य को पाने के लिए जब मंजिल की ओर कदम बढ़े तो निशाकाल ‘कूटिनीतिक’ हो गई। उसी पर भरोसा था पर धोखा कर दिया। तब व्यथित निशु पर उषाकाल ने हाथ मिलाया। उम्मीद से भी ज्यादा दिमाग में ताजगी भर दी। सिर्फ दो घंटे की पढ़ाई में निपुणता का प्रवाह शुरू हो गया। इसके बाद जब रिजल्ट आया तो विनायक एकेडमी के शिक्षकों तक के होश उड़ गए। रिजल्ट देखने को अपने पिता के साथ कॉलेज पहुँची निशु अपनी कामयाबी को पलकों में स्थिर न रख सकी। वह आँसू बनकर गालों पर बहने लगी। वाकई, उसने कमाल कर दिया। बायो में 100, अँग्रेजी -99, रसायन -96 , भौतिकी-95 और पेंटिंग में 100 नम्बर प्राप्त किये। माँ प्रतीक्षा को भी अपनी बेटी की इस कामयाबी की ‘प्रतीक्षा’ थी। जब पता चला तो वह भी एक कोने में जाकर खुशी के आँसू रो आईं।
इंटर टॉपर निशु को सलीकेदार जिंदगी जीना पसंद है। उसे वह पहनावा कतई पसंद नहीं जो संस्कारों को उघाड़ दे। कहती है- ऐसा पहनावा भला किस काम काम का जो हमें सहजता का अनुभव न कराए ? उसे बनावटीपन भी पसंद नहीं। जितना हो वह वास्तविक हो। राजनीति में तो कोई रुचि नहीं पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की फैन है। उनकी विदेशों में मिली लोकप्रियता ने उसे प्रभावित किया। हाँ, वह यह जरूर नहीं बता पाई कि जिले में सांसद और विधायक कौन है ?
प्रशासनिक सेवाओं की ओर जाने को आतुर निशु फिलहाल अब नीट की तैयारी कर रही है। एमबीबीएस में सफलता का उसका अगला लक्ष्य है। नीशु को प्रखरबुद्धि पुरस्कार के लिए टॉपर बनने पर चुना गया है। बोली – इतने महत्वपूर्ण पुरस्कार के लिए नाम तय होने पर जब अखबार में पढ़ा तो मम्मी- पापा को भी खुशी मिली। शांति पसंद नीशु को सत्य के साथ चलना भी पसंद है। वह पढ़ते वक्त ध्यान सिर्फ पढ़ाई पर केंद्रित रखती है। इसीलिए सोशलमीडिया से दूरी रखी गई है।

संजय श्रीवास्तव-प्रधानसम्पादक एवम स्वत्वाधिकारी, अनिल शर्मा- निदेशक, डॉ. राकेश द्विवेदी- सम्पादक, शिवम श्रीवास्तव- जी.एम.

सुझाव एवम शिकायत- प्रधानसम्पादक 9415055318(W), 8887963126