वायु प्रदूषण पर हुआ मंडल स्तर जूम वेबिनार का आयोजन

कोरोना काल में खतरनाक हो सकता है वायु प्रदूषण
मनाया जा रहा अंतर्राष्ट्रीय शुद्ध वायु सप्ताह
12 सितंबर तक चलेगा अभियान

उरई (जालौन): कोरोना संक्रमण जैसी वैश्विक महामारी से बचने के लिए सभी एहतियात बरते जा रहे हैं वहीँ वातावरण में बढ़ता प्रदूषण इस संक्रमण को और बढ़ा रहा है। पर्यावरण को साफ स्वच्छ रखने के उद्देश्य से आज वायु प्रदूषण सप्ताह के अंतर्गत अपर निदेशक डॉ वीके सिन्हा की अध्यक्षता में मंडल स्तरीय वेबिनार का आयोजन किया गया। यह सप्ताह 12 सितंबर तक मनाया जाएगा।
अपर निदेशक ने वेबिनार को संबोधित करते हुए कहा कि हम भोजन के बिना तो कुछ दिन जीवित रह सकते हैं लेकिन वायु के बिना बिलकुल भी नहीं रह सकते है। वायु प्रदूषण से टीबी, अस्थमा और कैंसर जैसी बीमारी हो सकती है। उन्होंने कहा कि हमें वातावरण और प्रकृति को संरक्षित करना है, जिससे आने वाली पीढिय़ों को बेहतर कल का भविष्य दे सके। उन्होंने बताया राष्ट्रीय बाल स्वास्थ कार्यक्रम (आरबीएसके) की टीम स्कूल खुलने के बाद सभी बच्चों का कोविड टेस्ट करने के साथ ही वायु प्रदूषण के प्रभाव और उसे रोकने के तरीके के बारे में बताएगी। साथ ही आशाएं गृह आधारित नवजात शिशु देखभाल भ्रमण के दौरान माँ और बच्चे पर वायु प्रदूषण के प्रभावों के बारे में जागरूक करेंगी। संयुक्त निदेशक डॉ रेखारानी ने बताया कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन वायु प्रदूषण के संदर्भ में दो अहम विषयों पर कार्य कर रहा है इसमें वायु प्रदूषण के प्रभाव से शिशु एवं मातृ स्वास्थ्य को बचाना है। बचपन से शुरू करे तो वायु प्रदूषण का खतरा सबसे अधिक गर्भस्थ शिशुए बच्चा और माँ पर पड़ता है। यदि माँ के माध्यम से गर्भवस्थ शिशु को स्वच्छ हवा नहीं मिल रही या उसका श्वसन तंत्र सही रूप से नही चल रहा है तो उस बच्चे के विकास में प्रभाव पड़ेगा, यहाँ तक कि समय से पूर्व गर्भपात या मृत बच्चा भी पैदा हो सकता है। यह एक संवेदनशील विषय है। इस पर लोगों में समझ पैदा करना बहुत जरूरी है। इस सप्ताह के माध्यम से हम लोग मंडल की सभी गर्भवतियों तक यह संदेश पहुंचाना चाह रहे हैं कि स्वच्छ हवा लेना स्वास्थ्य के लिए बहुत जरूरी है।
सिफ्सा एनएचएम के मंडलीय परियोजना प्रबंधक आनंद चौबे ने प्रस्तुतीकरण के माध्यम से वायु प्रदूषण के प्रभावों और इसको कैसे रोक सकते है, इसके बारें में बताया। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग का यह प्रयास है कि जलवायु परिवर्तन से मानव जीवन को जो खतरे उत्पन्न हो रहे है, उसके प्रति जागरूक किया जाए। इसमें सबसे महत्वपूर्ण चीज है हवा। स्वच्छ वातावरण के लिए स्वच्छ वायु का होना बहुत जरूरी हैए क्योंकि हमारा सारा शरीर ऑक्सीजन पर निर्भर है।
वेबिनार में मंडलीय क्वालिटी सलाहकार डॉ राजेश पटेल सहित सभी मंडलीय जिलों के नोडल अधिकारी, डीसीपीएम, एचईआईओ, बीसीपीएम और एमओआईसी शामिल रहे।

संजय श्रीवास्तव-प्रधानसम्पादक एवम स्वत्वाधिकारी, अनिल शर्मा- निदेशक, डॉ. राकेश द्विवेदी- सम्पादक, शिवम श्रीवास्तव- जी.एम.

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