विकास दुबे के बहुचर्चित एनकाउंटर की सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई जारी

हमें न बताएं कि विकास दुबे क्या था- सी.जे. सुप्रीम कोर्ट
जांच समिति में सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज और एक रिटायर्ड पुलिस अधिकारी को भी शामिल किया जाएगा
सीएम, डिप्टी सीएम के बयानों पर तो नहीं की पुलिस ने कार्यवाही- सुप्रीम कोर्ट
हरीश साल्वे ने कोर्ट से कहा कि जांच हुई तो टूटेगा पुलिस का मनोबल, बढ़ेंगे अपराधियों के हौसले
अगली सुनवाई बुधवार को
इतने सारे केसों के बावजूद विकास दुबे को जमानत मिलने की भी होगी जांच
दिल्ली: दुर्दांत विकास दुबे द्वारा 8 पुलिस वालों की हत्या करने के बाद उसे एनकाउंटर में पुलिस द्वारा मार गिराने के मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में चल रही है।
विकास दुबे एनकाउंटर केस में यूपी सरकार की ओर से बनाई न्यायिक कमेटी का पुर्नगठन होगा। कोर्ट की राय के मुताबिक अब कमिटी में एक पूर्व SC जज और रिटायर्ड पुलिस अधिकारी को जोड़ा जाएगा।
UP सरकार ड्राफ्ट नोटिफिकेशन कोर्ट को सौपेगी । बुधवार को कोर्ट उसे देखकर आदेश पास करेगा।
सुनवाई में SC ने कुछ सवाल भी किये
कहा-क़ानून का शासन कायम करना राज्य सरकार की ज़िम्मेदारी। गिरफ्तारी, ट्रायल और फिर अदालत से सज़ा, यही न्यायिक प्रकिया है।
क़ानून का शासन हो तो पुलिस कभी हतोत्साहित होंगी ही नहीं।
इतने केस लंबित रहने के बावजूद कैसे विकास को ज़मानत मिल गई?
कोर्ट ने ये भी कहा कि ये पहलू भी देखा जाए कि सीएम, डिप्टी सीएम जैसे लोगों ने क्या बयान दिए? क्या उनके कहे मुताबिक वैसा ही पुलिस ने भी किया?
दरअसल याचिकर्ताओ ने एनकाउंटर को लेकर दिये इन बयानों का हवाला देते हुए यूपी सरकार की मंशा पर सवाल खड़े करते हुए स्वतंत्र जांच की मांग की थी।
कोर्ट ने यूपी सरकार से सुप्रीम कोर्ट के एक पूर्व जज और एक रिटायर्ड पुलिस ऑफिसर को जांच समिति में शामिल करने को कहा। साथ ही कोर्ट ने यह भी कहा कि हम टॉप कोर्ट के सिटिंग जज को जांच समिति में शामिल नहीं कर सकते हैं।
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