वैज्ञानिक अभिरूचि के विकास में मील का पत्थरः कौन बनेगा नन्हा कलाम-डीएम

उरई (जालौन)। जिलाधिकारी डाॅ. मन्नान अख्तर द्वारा बताया गया कि विज्ञान प्रौद्योगिकी के मौलिक विषयों के प्रति विद्यार्थियों की निरन्तर घटती रूचि एक राष्ट्रीय समस्या हैं। बेसिक शिक्षा विभाग, जालौन ने विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद, उत्तर प्रदेश के सहयोग से धरातल स्तर पर बच्चों में विज्ञान के प्रति अभिरूचि उत्पन्न करने, तार्किक क्षमता विकसित करने और उनमें वैज्ञानिक ढंग से कल्पना शीलता के विकास के लिए एक क्रान्तिकारी अभिनव प्रयास किया हैं। जालौन के जिलाधिकारी डाॅ. मन्नान अख्तर, जिला विद्यालय निरीक्षक भगवत पटेल एवं तत्कालीन जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी राजेश कुमार शाही की पहल पर छात्र-छात्राओं में वैज्ञानिक प्रतिभा के विकास हेतु कौन बनेगा नन्हा कलाम प्रतियोगिता का आयोजन वर्ष 2018 व 2019 में किया गया। भूतपूर्व राष्ट्रपति डाॅ. एपीजे अब्दुल कलाम ने कहा था कि कुछ है, जो अपने स्थान पर नहीं है उसे कैसे जोड़ा जाये ताकि हमारा जीवन सामजस्य की ओर बढ़े। इसी भावना से प्रेरित जनपद जालौन के जिलाधिकारी डाॅ. मन्नान अख्तर, जिला विद्यालय निरीक्षक भगवत पटेल एवं तत्कालीन जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी राजेश कुमार शाही द्वारा जनपद में अध्ययनरत कक्षा-6 से 10 तक के छात्र-छात्राओं को विज्ञान आधारित गतिविधियाँ कराकर, उनका सतत् मूल्यांकन कराना और प्रतिभागी बच्चों में श्रेष्ठतम् छात्र की पहचान करके उसे जनपद का नन्हा कलाम घोषित करने की योजना को मूर्तरूप दिया गया। यह योजना एक मिशन के रूप में कार्यान्वित की गयी। योजना के अन्तर्गत एक निश्चित समयान्तर पर विद्यालय, तहसील एवं जनपद स्तर पर छात्र-छात्राओं के मध्य विज्ञान क्विज, माॅडल प्रदर्शन, निबन्ध, वाद-विवाद और भाषण की प्रतियोगितायें आयोजित की गयी। प्रतियोगिता के लिए विषयों का चयन नवाचार और दैनिक जीवन में व्यवहारिक होना तय किया गया। प्रतियोगिता के लिए चयनित विषयों में प्रमुख थे- दैनिक जीवन में विज्ञान, ऊर्जा, भोजन और स्वास्थ्य, जिसके अन्तर्गत यातायात, चिकित्सा, कृषि, संचार, मनोरंजन, शिक्षा, कम्प्यूटर, ऊर्जा के वैकल्पिक स्रोत, पोषण, पर्यावरण संतुलन, ग्लोबल वार्मिंग, कला कौशल एवं उद्योग। इस कार्यक्रम के अन्तर्गत प्रतियोगिता का आयोजन चार चरणों में कराया गया। प्रथम चरण में छात्रों का चयन दो वर्गो जूनियर और सीनियर वर्ग में किया गया। जूनियर वर्ग में कक्षा-6 से 8 तथा सीनियर वर्ग में कक्षा-9 एवं कक्षा-10 के छात्रों का पंजीकरण कराया गया। दोनो वर्गो के विद्यार्थियों के मध्य विज्ञान पर आधारित बहुविकल्पीय लघु उत्तरीय प्रश्नों की एक प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इस आधार पर प्रत्येक विद्यालय से तहसील स्तर के 02 छात्र जूनियर ग्रुप से और 02 छात्र सीनियर ग्रुप से चयनित किये गये। प्रथम चरण में दोनो वर्गो से पूरे जनपद के 48750 विद्यार्थियों ने अपना पंजीकरण कराया था। पंजीकृत छात्रों में कुल 40360 बच्चें प्रथम चरण की प्रतियोगिता में सम्मिलित हुए। इनमें से 1964 बच्चें तहसील स्तर के लिए चयनित किये गये। द्वितीय चरण की परीक्षा में तहसील स्तर हेतु चयनित छात्रों को विज्ञान पर आधारित निबन्ध प्रश्नोत्तरी और भाषण प्रतियोगिता में शामिल होना था। इसके बाद इन्ही छात्रों को तृतीय चरण की परीक्षा, जिसमें शोध परक माॅडल बनाना था। द्वितीय चरण एवं तृतीय चरण की परीक्षा के आधार पर प्रत्येक तहसील से जूनियर वर्ग की परीक्षा के आधार पर प्रत्येक तहसील से जूनियर वर्ग से प्रथम, द्वितीय व तृतीय स्थान पर सफल छात्र तथा सीनियर वर्ग से भी प्रथम, द्वितीय व तृतीय स्थान पर आने वाले छात्रों का जनपद स्तरीय प्रतियोगिता के लिए चयन कया गया। जनपद स्तर की प्रतियोगिता के लिए चयन किया गया। जनपद स्तर की प्रतियोगिता हेतु कुल 159 छात्रों का चयन हुआ। चतुर्थ चरण में प्रतिभागी छात्रों द्वारा तैयार किये गये माॅडल अथवा प्रोजेक्ट का प्रदर्शन विशेषज्ञों के समक्ष करना था। जनपद स्तर की परीक्षा से पूर्व आईटीआई कानपुर के विशेषज्ञ वैज्ञानिकों की टीम द्वारा एक कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में छात्रों के साथ-साथ जिला स्तरीय अधिकारियों ने भी प्रतिभाग किया। कार्यशाला के उपरान्त अन्तिम चरण में शामिल 159 छात्रों की परीक्षा विशेषज्ञों की देखरेख में करायी गयी। परीक्षा के उपरान्त जनपद स्तर पर 15 प्रतिभाशाली बच्चों का चयन नन्हा कलाम के रूप में किया गया। चयनित सभी छात्रों को जिलाधिकारी डाॅ. मन्नान अख्तर द्वारा डाॅ. एपीजे अब्दुल कलाम के चित्र सहित मेडल और नकद धनराशि से सम्मानित किया गया। जनपद जालौन आयोजित इस प्रकार की प्रतियोगिता का प्रभाव छात्रों पर बहुत सकारात्मक रहा। प्रतियोगिता में सभी स्तरों पर शामिल छात्रों में वैज्ञानिक जिज्ञासा, आत्मविश्वास, नेतृत्व क्षमता, प्रश्न पूछने का साहस, सृजनात्मकता और अभिरूचि पैदा हुई। इस प्रतियोगिता से समाज में व्याप्त अंधविश्वास को दूर करने में भी सहायता मिली हैं। जनपद में इस कार्यक्रम के आयोजन से छात्रों के साथ-साथ अभिभावक, अधिकारीगण एवं मीडिया जगत भी प्रभावित हुआ। इस अनूठे कार्यक्रम की सराहना राज्य स्तर पर विज्ञान प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा भी की गयी। जनपद में वर्ष 2019 में भी यह प्रतियोगिता छात्र-छात्राओं और अभिभावकों की अभिरूचि को देखते हुये आयोजित की गयी। इस प्रतियोगिता के लिए जनपद जालौन को अन्तर्राष्ट्रीय आइकाॅन एवार्ड-2019 से सम्मानित किया गया.

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