सब्जियों के दाम बढ़ने से आम आदमी का बजट गड़बड़ाया

टमाटर ने मारी भारी उछाल, रसोई का स्वाद भी बिगड़ा
उरई (जालौन)। अभी तक अन्य खाद्य पदार्थों पर महंगाई की मार आम आदमी झेल नहीं पा रहा था अब सब्जियों के भाव भी आसमान छूते नजर आने लगे है।ऐसे में टमाटर का भाव लाल हो गया है तो मिर्ची तीखी हो गई है गृहणियों की रसोई वेस्वाद हो गई है आसमान छूटे सब्जियों के भाव ने आम आदमी की थाली का स्वाद कसैल बना दिया है हालात यह है कि थाली में दाल सब्जी व सलाद देख कपकपी पैदा होती जा रही है सब्जियों के मूल्य इसी तरह से बने रहे तो वह दिन दूर नहीं जब लोग रोटी प्याज खाने को विवश हो जायेंगे दालें तो पहले से खून के आंसू रूला रही है सब्जियों के सहारे पेट भरने वाले गरीबों को मंहगाई ने माथे पर चिंता की लकीरें पैदा करती है बरसात के मौसम से ठंड को शुरुआत तक गांव में लगभग हर घरों में सब्जियों तैयार हो जाती थी तोरई लौकी टमाटर और हरी मिर्ची गांव के छप्पे और शहरों में किचन गार्डन में तैयार कर ली जाती है इस वर्ष हुई बरसात के कारण न केवल घरेलू सब्जियों की फसल बर्बाद हो गई बल्कि किसानों की फसल भी चौपट हो गई है इसी वजह से बाजारों में सब्जी की आवक कम हो गई है हरी मिर्ची40 रुपये किलो है तो टमाटर50-60 रुपये प्रति किलो पहुंच गया है आम आदमी का खाना बहुत ही मुश्किल हो गया है।