स्वामित्व निर्धारण के लिए ड्रोन कैमरा से सर्वे शुरू

जालौन तहसील क्षेत्र के किये गये 6 गांव चयनित

उरई (जालौन)। प्रधानमंत्री की अति महत्वकांक्षी स्वामित्व योजना के तहत जिन ग्रामीणों की जमीन या मकान का कोई रिकॉर्ड नहीं हैं। उनके लिए खतौनी की तरह घरौनी बनाए जाने के लिए तहसील क्षेत्र के 6 गांव को चयनित कर उसमें कार्य प्रारंभ किया गया है। इसके लिए घरों के अभिलेखीकरण के साथ उनका रिकाॅर्ड रखा जाएगा। गांवों में अक्सर संपत्ति विवाद, जमीन, खेत को लेकर झगड़े सामने आते हैं। अधिकांशतः ग्रामीणों के पास संपत्ति को लेकर कोई रिकाॅर्ड नहीं हैं। ऐसे में संपत्ति पर मालिकाना हक दिलाने के उद्देश्य से प्रधानमंत्री द्वारा पंचायती राज दिवस के अवसर स्वामित्व योजना की शुरूआत की गई थी। इस योजना के क्रियान्वयन के लिए तहसील क्षेत्र के सुढ़ार सलाबाद, सोनई परवई, तांबा, लहरउवा, पमां को चयनित किया गया है। इन गांवों में जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया की टीम द्वारा तहसीलदार बलराम गुप्ता की निगरानी में सर्वे का कार्य प्रारंभ किया गया है। जहां मकानों के पास चूना डालकर चिन्हित किया गया है। वहीं, खेतों पर ड्रोन के माध्यम से संपत्ति का सर्वे किया जा रहा है। तहसीलदार बलराम गुप्ता ने बताया कि ग्रामीण इलाकों में लोगों के पास अपनी जमीन पर घर या दुकानें तो हैं लेकिन जटिल नियमों के चलते वे इन पर कर्ज नहीं ले सकते हैं। गांव के ज्यादातर लोगों के पास अपनी जमीन या मालिकाना हक साबित करने के लिए कोई रिकॉर्ड नहीं है। स्वामित्व योजना का मकसद ग्रामीण इलाकों की जमीन का मालिकाना हक तय करना और उसका रिकॉर्ड बनाना है। इस योजना से ग्राम समाज के काम ऑनलाइन हो जाएंगे और लोग अपनी संपत्ति का पूरा ब्यौरा ऑनलाइन देख सकेंगे। इसके लिए ई ग्राम स्वराज पोर्टल पर जमीन का ब्यौरा मुहैया कराया जाएगा।

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