नई दिल्ली. सर्दियों का मौसम आते ही धुंध (fog) छा गई है जिससे सुबह और शाम विजिबिलिटी (visibility) कम हो गई है. जिससे सड़क हादसे भी शुरू हो गए हैं. शुक्रवार सुबह ईस्टर्न पेरीफेरल पर करीब एक दर्जन वाहन आपस में टकरा गए. यह हादसा धुंध (fog) की वजह से हुआ है. धुंध की वजह से देशभर में हर वर्ष करीब 33000 सड़क हादसे होते हैं, जिसमें करीब 13000 लोगों की जानें जाती हैं.
देश में प्रत्येक वर्ष करीब 4.5 लाख सड़क हादसे होते हैं. इनमें 1.5 लाख लोगों की मौत होती हैं. इन मौतों में करीब 9 फीसदी मौतें धुंध की वजह से होने वाले सड़क हादसों में जाती हैं. ईस्टर्न पेरीफेरल में धुंध की वजह से शुक्रवार को करीब एक दर्जन वाहन आपस में टकरा गए हैं. वहीं, प्रत्येक वर्ष एक्सप्रेस वे और हाईवे पर होने वाले हादसों में तमाम लोग जान गंवाते हैं. सड़क परिवहन मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार धुंध में विजिबिलिटी कम होने से हर साल सड़क हादसे होते हैं. इनमें मौत की तुलना में घायल होने वालों की संख्या भी दोगुनी होती है.
सड़क परिवहन मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार कुल होने वाले सड़क हादसों में करीब 9 फीसदी सड़क हादसे धुंध की वजह से होते हैं. करीब इतना ही आंकड़ा बारिश की वजह से होने वाले सड़क हादसों का है. धुंध की वजह से होने वाले सड़क हादसों में मौतों से दोगुनी संख्या घायलों की होती है. रिपोर्ट के अनुसार करीब 25000 लोग घायल हो जाते हैं.
एक्सपर्ट बताते हैं सेंट्रल रोड रिसर्च इंस्टीट्यूट के सीनियर साइंटिस्ट डॉ. सतीश पांडेय बताते हैं कि धुंध में सबसे ज्यादा सड़क हादसे होने का कारण वाहनों की स्पीड होती है. चूंकि हाईवे और एक्सप्रेस वे पर वाहनों की स्पीड 100 और 120 किमी प्रति घंटा की होती है. वाहन चालक स्पीड में चलता है, इसी दौरान कहीं अचानक धुंध आ जाती है. कई बार धुंध में पहले से कोई गाड़ी किसी कारणवश खड़ी होती है, ऐसे में पीछे से तेज स्पीड से आ रहे वाहन चालक को खड़ी गाड़ी दिखती नहीं है और वाहन टकरा जाते हैं. इसलिए हाईवे और एक्सप्रेस वे पर वाहन की स्पीड धुंध के समय 50-60 किमी रखनी चाहिए, जिससे गाड़ी कंट्रोल में रहे और जरूरत पड़ने पर रोककर हादसों से बचाया जा सके.
देश में सड़क हादसे और मरने वालों की संख्या
वर्षहादसे मौत घायल
2015 501423 146133 500279
2016 480652 150785 494624
2017 464910 147913 470975
2018 467044 151417 469418
2019 449002 151113 451361
संजय श्रीवास्तव-प्रधानसम्पादक एवम स्वत्वाधिकारी, अनिल शर्मा- निदेशक, शिवम श्रीवास्तव- जी.एम.