कोरोना के बाद दुनिया ‘आर्थिक वैश्वीकरण’ से ‘स्वास्थ्य वैश्वीकरण’ की दिशा में आगे बढ़ेगीः राष्ट्रपति कोविंद
अमर भारती : राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द का मानना है कि कोरोना के सर्वव्यापक असर के कारण पूरा विश्व समुदाय समझ चुका है कि यदि दुनिया के किसी भी कोने में लोगों के स्वास्थ्य पर संकट आता है तो उसकी चपेट में पूरा विश्व आ सकता है। इस वैश्विक महामारी के बाद हम ‘आर्थिक वैश्वीकरण’ से ‘स्वास्थ्य वैश्वीकरण’ की दिशा में आगे बढ़ेंगे। राष्ट्रपति कोविन्द कहते हैं,
महामारियों के व्यापक दुष्प्रभावों के मूल में इंसान-इंसान के बीच की पूरकता की कमी और सबक न सीखने की नासमझी रही है। एक आपदा से निपटे और उसका सबक भूल आगे बढ़ लिए, फिर अगली आपदा पर जब अटके तब फिर से विचार करना शुरू किया। 1918 में आए स्पैनिश फ्लू के उदाहरण से उन्होंने कहा कि लाखों-करोड़ों जानें गंवा कर भी मानवता ने सबक नहीं सीखा
और भौतिक विकास की एकांगी दौड़ में बढ़ती रही। अमर उजाला के साथ विस्तृत बातचीत में राष्ट्रपति ने कोरोना संकट से जूझने में लोकतांत्रिक व्यवस्था के फायदे को भी स्पष्ट किया। कहा, लोकतंत्र की सबसे बड़ी खूबी प्रतिपक्ष की मौजूदगी होती है। इस महामारी ने हमारी लोकतांत्रिक मजबूती कई तरह से दिखाई है।