कोरोना का रिकॉर्ड रखने को अब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की ली जा रही मदद, ऐसे करता है काम
अमर भारती : कोरोना की जांच में जुटे भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने जांच संबंधी डाटा के रिकॉर्ड की सटीक जानकारी के लिए कृत्रिम बुद्धिमता (एआई) का सहारा लिया है। आईटी कंपनी आईबीएम के पास इसकी जिम्मेदारी है जिसने सोमवार को बताया कि वर्चुअल चैट असिस्टेंट के जरिए इसे पूरा किया जाएगा। इसे सफल बनाने के लिए वॉटसन असिस्टेंट तकनीक का प्रयोग होगा।
आईसीएमआर के निदेशक बलराम भार्गव ने बताया कि जांच, इलाज और रोग की पहचान पर ध्यान देने की जरूरत है तभी इसके प्रसार को रोका जा सकता है। देशभर में अलग-अलग टीमें लगी है जिनसे इस तकनीक के जरिए सटीक जानकारी अब मिल सकेगी की कहां पर क्या स्थिति है। इसका फायदा ये होगा कि हम ये आसानी से तय कर सकेंगे कि किस क्षेत्र में अधिक ध्यान देने की जरूरत है
और इलाज के लिए वहां पर क्या रणनीति अपनानी है।
इलेक्ट्रॉनिक एंव सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय का के अतिरिक्त सचिव गोपालकृष्णन का कहना है कि कोरोना से जुड़े आंकड़ों को एआई के जरिए बेहतर ढंग से तैयार करने में आसानी होगी। उन्होंने बताया कि इससे आईसीएमआर की वेबसाइट पर मौजूद पेज को सिर्फ वही व्यक्ति प्रयोग करता है जो सैंपल कलेक्शन या जांच से जुड़ा है और ये पूरी तरह सुरक्षित होगा।