लॉकडाउन के चलते मंडियां बंद, किसानों ने फसल बेचने के लिए लिया ई-नाम प्लेटफॉर्म का सहारा

अमर भारती : कृषि उपज के लिए साल 2016 में ई-नाम ई-कॉमर्स वेबसाइट और एप की शुरुआत की गई थी, जिस पर शनिवार को 200 नए कृषि बाजारों और मंडियों को जोड़ा गया। कोरोना वायरस और लॉकडाउन के कारण हाल ही में इस प्लेटफॉर्म की लोकप्रियता में बढ़ोतरी दर्ज की गई है।

कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि देशभर के 1,66,000 पंजीकृत किसान अब घर से लेन-देन करके अपनी फसल बेच रहे हैं और सामाजिक दूरी का पालन कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि देश के 1500 प्रमुख फार्म-एंड कमोडिटी बाजारों में से लगभग आधे अब ई-नाम पर मौजूद हैं। उत्तर प्रदेश और कर्नाटक जैसे बड़े राज्यों की मंडियां पहली बार थोक खाद्य बाजार डिजिटल आपूर्ति श्रृंखला में शामिल हुई हैं।

ये मंडियां आपूर्ति श्रृखंला में किसानों के लिए बिक्री का पहला बिंदु हैं। किसान ई-नाम के माध्यम से देश के एक लाख से अधिक व्यापारियों से जुड़ सकेंगे। भीड़भाड़ वाले थोक बाजार कोरोना वायरस के लिए हॉटस्पॉट हो सकते हैं क्योंकि वहां किसानों, छोटे व्यापारियों से लेकर कमीशन एजेंटों तक की मौजदूगी होती है। जिससे एक जगह पर ज्यादा लोगों के जमा होने की संभावना बढ़ जाती है।