रेलवे ने लॉकडाउन को भुनाया, 12 हजार किमी ट्रैक का किया मेंटिनेंस, बदले लकड़ी के स्लीपर

अमर भारती : देश में वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के प्रसार पर रोक लगाने के लिए केंद्र सरकार ने लॉकडाउन लागू किया हुआ है। इस दौरान रेल और हवाई यातायात सेवाओं पर रोक लगी हुई है। वहीं, भारतीय रेलवे ने लॉकडाउन के 40 दिनों का फायदा मेंटिनेंस करके उठाया है। लॉकडाउन के 40 दिनों के दौरान रेलवे ने 50 साल पुराने लकड़ी के सीजर क्रॉस ओवर (ट्रैक के नीचे लगने वाले स्लीपर) को बदला तो कहीं सालों से बंद 100 साल पुराना एफओबी तोड़ा।

मेंटिनेंस के दौरान रेलवे ने आधिकारिक रूप में करीब 705 घंटे का ब्लॉक भी लिया। रेलवे ने बताया कि यात्री सेवाओं के निलंबन की अवधि का इस्तेमाल रेल नेटवर्क पर लंबे समय से अटके पड़े मरम्मत के काम को पूरा करने में किया गया। ट्रैक्स की मरम्मत से सुरक्षा बेहतर होगी और परिचालनात्मक क्षमता बढ़ेगी। इससे ट्रेनों की लेटलतीफी भी खत्म होगी। मंत्रालय ने बताया कि ये कार्य कई वर्षों से लंबित थे और इनके चलते रेलवे को गंभीर अड़चनों का सामना करना पड़ रहा था।

मंत्रालय ने बताया कि लॉकडाउन के दौरान करीब 500 आधुनिक हेवी डयूटी ट्रैक मरम्मत मशीनों ने 12,270 किलोमीटर लंबे ट्रैक पर मरम्मत का काम पूरा किया। इसने कहा कि भारतीय रेलवे ने लॉकडाउन की अवधि के दौरान यह सोचकर इस कार्य को करने की योजना बनाई कि मरम्मत के काम को पूरा करने का यह अच्छा अवसर है और इससे ट्रेन सेवाएं भी प्रभावित नहीं होंगी।

रेलवे ने तेलंगाना में 1970 में लगा लकड़ी का सीजर क्रॉस ओवर बदला गया। इसके लिए 72 घंटे का ब्लॉक लेना पड़ा। इसके अलावा आंध्रप्रदेश के विजयवाड़ा में 24 घंटे का ब्लॉक लेकर ट्रैक क्रॉसिंग में लकड़ी के स्लीपर बदले गए। वहीं, चेन्नई रेलवे स्टेशन के पास असुरक्षित आरओबी को हटाया गया। इसके नीचे से आठ ट्रैक गुजर रहे हैं। साथ ही कई जगहों पर ब्रिज का काम किया जा रहा है।

अधिकारियों ने कहा कि बचा हुआ मेंटिनेंस का काम 17 मई तक पूरा कर लिया जाएगा। रेलवे के 167 साल के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ कि ट्रेनों का संचालन इतने लंबे वक्त के लिए बंद किया गया। हालांकि, आवश्यक चीजों की ढुलाई के लिए लगभग तीन हजार मालगाड़ियों का संचालन हो रहा है। रेलवे द्वारा किए गए मेंटिनेंस से कई रूटों पर ट्रेनों की रफ्तार में तेजी आएगी और ट्रेनें भी दुरस्त हो जाएंगी।